Jun 30, 2019
रामनरेश श्रीवास्तव : भले ही पंचायत राज्य की स्थापना क़ा मकसद ग्रामीणो की मंशा पर गांव का समुचित विकास करना रहा हो, लेकिन गांव का विकास तो नहीं हुआ मगर सरपंच व सरपंच के करीबियों क़ा भरपूर भला हुआ है। आलम तो यह है की पंचायतो के सरपंच संबंधित पंचायती जिम्मेदारों के साथ मिल कर आड़ा टेढ़ा काम करवाकर अपना व अपनो क़ा भरपूर विकास कर रहे हैं।
एक ऐसे ही विकास औऱ नियमों की अनदेखी की यह तस्वीर मझगंवा ब्लॉक के ग्राम पंचायत चुआ की है। जहाँ ग्राम पंचायत ने 2016 में सीसी सड़क क़ा टीयस प्राप्त कर बड़ी मुश्किल में इस वर्ष 4 माह पहले इस सड़क का निर्माण 5 लाख 10 हजार रुपयों की राशि से कराया है। लेकिन सड़क की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगा लीजिए की सड़क निर्माण के चार माह में ही सड़क जगह जगह से फटने के साथ बिखर रही है।
सड़क का पूरा पैसा तो निकला लेकिन स्वीकृति के मुताबिक पूरी सड़क बनी ही नही? वहीं देखने में आया की ग्राम कें सरपंच व सचिव ने इस सड़क में एक ही परिवार कें तीन सदस्यो के नाम 100 दिन की मजदूरी दिखा दी वो भी शासन के रेट से बढ़कर 200 रुपए प्रतिदिन की दर से कर दी जो कि नियमों के विपरीत जांच का विषय है? साथ ही सरपंच-सचिव ने मिलकर स्कूल की बाउंड्री निर्माण में भी व्यापक भ्रष्टाचार किया है।