Sep 15, 2019
सचिन राठौड़ : मध्य प्रदेश में सरदार सरोवर डैम का पानी जैसे जैसे बढ़ रहा है वैसे वैसे लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। कहीं गांव टापू बन चुके हैं कई लोगों के मकान दुकानों में पानी घुस गया है और लोग घर छोड़ने को मजबूर है। बावजूद इसके कई लोगों को अब तक मुआवजा नहीं मिला या फिर कई लोगों को सर्वे में शामिल तक नहीं किया गया है।
गांव में चलानी पड़ रही है नाव
दरअसल यह नदी नहीं गांव की सड़क है जहां पर अब नाव चलाना पड़ रही है। दरअसल सरदार सरोवर डैम का वाटर लेवल बढ़ने के साथ ही बड़वानी जिले के कई गांव टापू बन गए हैं और घर और दुकानों में पानी घुस गया है। यह नजारा ग्राम छोटा बड़दा का है जो गांव अब पूरी तरह टापू बन गया है और पानी का लेवल लगातार बढ़ा है वैसे वैसे गांव में भी पानी बढ़ता जा रहा है। इस गांव के कई घर और दुकानों में पानी घुस गया है। कई मकान पूरी तरह डूब चुके हैं और कहीं आधे डूब चुके लोग अब अपनी मजबूरी में अपने घरों को खाली करके जा रहे हैं। वहीं कई लोग अभी भी अपने घरों में डटे हुए है। जिसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि कई गांव वालों को सर्वे में शामिल तक नहीं किया गया और जिन्हें सर्वे में शामिल किया ऐसे कई लोग हैं जिन्हें मुआवजा नहीं मिला। किसी को प्लाट मिल गया तो मुआवजा नहीं मिला।
लोगों के मुताबिक
लोगों का कहना है कि गांव में पानी आ जाने से अब नदी नाले एक हो चुके हैं और बीमारियां भी फैल रही है। पानी के चलते गांव में रोजगार खत्म हो चुके हैं और लोग इधर उधर जाकर रहने को मजबूर है। बावजूद इसके इनकी कोई नहीं सुन रहा है। लोग आते हैं और मकान खाली करने का बोलते हैं। आश्वासन देते हैं लेकिन हाथ कुछ नहीं आता। यह कहानी किसी एक गांव की नहीं बल्कि हर डूब प्रभावित गांव की है। इस वक्त लोगों के सामने समस्याएं कई है लेकिन उनकी समस्याओं का हल होता दिखाई नहीं दे रहा है। गांव मैं कुम्हारों के भट्टे भी है जो स्थान अब टापू बन चुका है लेकिन कुम्हार के सामने समस्या यह है कि कि अगर ईंट नहीं निकाली गई तो किसान का लाखों रुपए का नुकसान हो जाएगा। उसका कहना है कि कई बार आवेदन दिया लेकिन कोई नहीं सुनता है।