Sep 5, 2025
रील्स की चमक पर टैक्स का साया: मध्य प्रदेश के 300+ इन्फ्लुएंसर्स पर इनकम टैक्स की नजर
सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर कमाई करने वाले इन्फ्लुएंसर्स के लिए बड़ी खबर! आयकर विभाग ने नया प्रोफेशनल कोड 16021 लागू किया है, जिसके तहत मध्य प्रदेश के 300 से ज्यादा रील्स क्रिएटर्स टैक्स के दायरे में आ गए हैं। अब ब्रांड डील्स, लाइक्स और डिजिटल कंटेंट से होने वाली कमाई पर नजर रखी जाएगी। ITR-3 या ITR-4 फॉर्म में आय घोषित करना अनिवार्य होगा।
नया टैक्स कोड और नियम
आयकर विभाग ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए प्रोफेशनल कोड 16021 पेश किया है, जो ITR-3 और ITR-4 (सुगम) फॉर्म में लागू है। यह कोड ब्रांड प्रमोशन, प्रोडक्ट बिक्री और डिजिटल कंटेंट से होने वाली कमाई को ट्रैक करेगा। मध्य प्रदेश में करीब 2,000 रील्स क्रिएटर्स इस दायरे में आ सकते हैं। पहले टीडीएस कटौती के बाद भुगतान होता था, लेकिन अब इन्फ्लुएंसर्स को आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा।
ITR फॉर्म कैसे चुनें?
इन्फ्लुएंसर्स को अपनी आय के आधार पर ITR-3 या ITR-4 फॉर्म चुनना होगा। अगर सालाना आय 50 लाख रुपये से कम है, तो धारा 44ADA के तहत 50% आय पर टैक्स देना होगा और ITR-4 फॉर्म भरना होगा। वहीं, 50 लाख से अधिक आय होने पर ITR-3 फॉर्म के साथ खर्चों का ऑडिट अनिवार्य है। गलत फॉर्म भरने पर नोटिस या रिटर्न रिजेक्शन का खतरा हो सकता है।
क्यों पड़ी टैक्स की जरूरत?
पहले इन्फ्लुएंसर्स अपनी आय को 'अन्य स्रोत' या सामान्य प्रोफेशनल कैटेगरी में दिखाते थे, जिससे उनकी कमाई का सही हिसाब रखना मुश्किल था। 2020 में देश में 10 लाख इन्फ्लुएंसर्स थे, जो 2024 तक बढ़कर 40 लाख हो गए। मध्य प्रदेश में भी रील्स क्रिएटर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। नया कोड लागू होने से आयकर विभाग को उनकी कमाई का सटीक डेटा मिलेगा।
मध्य प्रदेश के टॉप इन्फ्लुएंसर्स
मध्य प्रदेश के प्रमुख इन्फ्लुएंसर्स में पायल धरे (4M फॉलोअर्स, iQOO ब्रांड एंबेसडर), नमन देशमुख (3.6M फॉलोअर्स, भोपाल), ऋत्विक धनजानी (3M फॉलोअर्स) और बिग बॉस-19 की तान्या मित्तल (2.8M फॉलोअर्स) शामिल हैं। ये सभी अब टैक्स रडार पर हैं।
क्या करें इन्फ्लुएंसर्स?
इन्फ्लुएंसर्स को अपनी आय और खर्च का सही रिकॉर्ड रखना होगा। प्रोफेशनल कोड 16021 का उपयोग कर सही ITR फॉर्म भरें। टैक्स विशेषज्ञ से सलाह लेना फायदेमंद होगा ताकि गलतियां न हों और टैक्स छूट का लाभ मिल सके।