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बैतूल में बच्चों को नहीं मिला साईकल वितरण योजना का लाभ, हज़ारों साईकलें बारिश में बनीं कबाड़

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Jul 6, 2019

युवराज गौर : स्कूल चले हम अभियान की साईकल वितरण योजना बैतूल में जरा हटकर लागू की गई है। हज़ारों साइकलें बारिश में पड़ी कबाड़ बन रहीं हैं और जिन बच्चों को साइकलें मिलनी थी वो मीलों दूर बारिश में भीगते हुए पैदल स्कूल पहुंच रहे हैं। देखिए आखिर कैसे स्कूल शिक्षा विभाग सरकारी पैसों पर जंग लगा रहा है।  

बच्चों को नहीं मिली साईकिल
तेज़ बारिश में मीलों दूर भीगते हुए स्कूल जा रहे इन बच्चों को अगर समय पर सरकारी साइकल मिल जाती तो ये कई घण्टों की बजाय मिनटों में स्कूल पहुंच जाते। लेकिन स्कूल चले हम अभियान के तहत इन्हें मिलने वाली हज़ारों साइकलें तो कहीं एक महीने तो कहीं डेढ़ महीने से खुले मैदानों में पड़े पड़े कबाड़ में तब्दील हो रही हैं। बच्चों के मुताबिक साइकल मांगने पर उन्हें हर दिन नया बहाना बताया जाता है। बारिश में मीलों दूर पैदल आने वाले ये बच्चे रोज़ाना देर से स्कूल पहुंचते हैं और इनके कपड़े भी खराब हो जाते हैं। 

विभाग ने ली सारी साईकिलें वापस
पिछले दिनों जिले के प्रभारी मंत्री कमलेश्वर पटेल ने स्कूल चले हम अभियान का शुभारंभ करने के साथ स्कूली बच्चों को साइकल वितरण किया लेकिन सरकारी आयोजन की औपचारिकता पूरी करके शिक्षा विभाग ने सारी साइकलें वापस रख दी। जब मामला उजागर हुआ तो अधिकारी तत्काल साइकलें वितरित करने की बात कहने लगे।

सरकारी महकमे की लापरवाही
बैतूल जिले के 80 फीसदी इलाकों में बच्चे दूरदराज से पैदल या बस से स्कूल आते हैं। यानि यहां बच्चों को साइकलों की सबसे ज्यादा दरकार है। लेकिन लगभग हर सरकारी योजना की तरह साइकल वितरण योजना को लेकर भी सरकारी महकमा पूरी लापरवाही बरत रहा है।