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उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में संत और पुजारी के बीच गर्भगृह दर्शन को लेकर विवाद, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

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Oct 22, 2025

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में संत और पुजारी के बीच गर्भगृह दर्शन को लेकर विवाद, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में हाल ही में एक संत और पुजारी के बीच तीखा विवाद हो गया। यह घटना मंदिर के पवित्र गर्भगृह में तब घटी, जब संत महावीर नाथ जी महाराज दर्शन के लिए पहुंचे थे। नियमों का हवाला देकर पुजारी महेश ने उन्हें प्रवेश करने से रोका, जिससे बहस इतनी बढ़ गई कि मंदिर प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। कलेक्टर ने मामले की तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। यह विवाद मंदिर की शांति और अनुशासन पर सवाल खड़े कर रहा है।

घटना का विवरण

मंदिर के गर्भगृह में दर्शन के दौरान संत महावीर नाथ जी महाराज और उनके साथ आए अनुयायी पुजारी महेश से भिड़ गए। पुजारी ने स्पष्ट किया कि गर्भगृह में प्रवेश के सख्त नियम हैं, जिनमें विशेष अनुमति और परंपराओं का पालन अनिवार्य है। संत पक्ष ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए विरोध जताया, जिससे तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। विवाद की सूचना मिलते ही मंदिर के सुरक्षाकर्मी और प्रशासक पहुंचे तथा स्थिति को शांत किया। दर्शन सामान्य रूप से जारी रहा, लेकिन घटना ने भक्तों के बीच हलचल मचा दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह विवाद करीब 15 मिनट तक चला, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए।

प्रशासनिक कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए उज्जैन के कलेक्टर ने तुरंत जांच समिति गठित करने के आदेश दिए हैं। जांच में मंदिर के नियमों, प्रवेश प्रक्रिया और दोनों पक्षों के बयानों का परीक्षण होगा। मंदिर प्रबंधन समिति ने भी बयान जारी कर कहा कि गर्भगृह की पवित्रता बनाए रखने के लिए सख्ती जरूरी है। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि यदि लापरवाही पाई गई, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। यह घटना मंदिर के इतिहास में दुर्लभ है, जहां आस्था और परंपरा का सम्मान सर्वोपरि माना जाता है।

मंदिर नियमों पर बहस

यह विवाद महाकालेश्वर मंदिर के नियमों और अनुशासन को लेकर व्यापक चर्चा छेड़ चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि संतों और पुजारियों के बीच संवाद की कमी से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। मंदिर प्रबंधन को अब पारदर्शी दिशानिर्देश जारी करने की सलाह दी जा रही है। भक्तों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए मंदिर की शांति बनाए रखने की अपील की है। कुल मिलाकर, यह घटना आस्था के केंद्र पर अनुशासन की महत्ता को रेखांकित करती है।

Report By:
Monika