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अभी-अभी:

पानी की एक-एक बूंद ​का हिसाब रखेगा नगर निगम ग्वालियर!

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Mar 7, 2018

भले ही ग्वालियर के लोगों को दो दिन में एक दिन पानी मिल रहा हो लेकिन उस पर भी अब निगम का पहरा होगा। बता दें कि अब निगम ने पानी की एक-एक बूंद का हिसाब रखने के लिए पार्षदों की एक कमेटी गठित कर दी है जिसके बाद पानी का वितरण अब पार्षद की मौजूदगी में होगा ऐसे में विपक्ष इसे नगर निगम की कागजी कार्रवाई बता रहा है। विपक्ष का कहना है कि निगम अगर पानी की लीकेज सही कर दें, तो समस्या दूर हो सकती है।

बता दें कि पानी चाहे ग्वालियर के तिघरा डेम से मिले या बोरवेल से उसका वितरण अब पार्षदों की निगरानी में किया जाएगा। पानी की कमी को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने बूंद-बूंद पानी पर नियंत्रण रखते हुए यह फैसला लिया है। इसके लिए स्थानीय पार्षद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें पीएचई के उपयंत्री को सचिव बनाया जाएगा। ये फैसला जल संकट के चलते नगर निगम ने लिया है। जिस पर विपक्ष निगम के आधिकारी और मेयर को घेरने में लगे हुए है।

नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित ने कहा है कि पानी को लेकर जो समिति बनाई है, उससे कुछ नही होने वाला है जरूरत पानी के लीकेज और व्यवस्था सुधारने की है, लेकिन निगम के आधिकारियों का इस और ध्यान नही है।  

वैसे ग्वालियर शहर में दो दिन छोड़कर वाटर सप्लाई व्यवस्था लागू हो चुकी है। ऐसे में दो दिन में एक दिन पानी आने के कारण कई क्षेत्रों में आपूर्ति व्यवस्था लड़खड़ाने की स्थिति में स्थानीय जनता में किसी तरह की नाराजगी या निगम अमले के प्रति असंतोष के हालात न बने इसलिए निगम ने प्रत्येक वार्ड में 25-25 लोगों की निगरानी समिति बनाने का फैसला लिया है। खास बात ये भी है कि इसमें जनप्रतिनिधि और जनता की भागीदारी के जरिए निगम अमले के कामकाज की मॉनीटरिंग बनाए रखने का भी मकसद साधा जाएगा।

वहीं विवेक शेजवलकर ने कहा है कि जल संकट को देखते हुए नगर निगम द्वारा जिला स्तर पर भी एक कोर कमेटी का गठन किया गया है। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित की गई इस कमेटी में पुलिस अधीक्षक, निगमायुक्त, मुख्य अभियंता जलसंसाधन विभाग, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, अधीक्षण यंत्री जल प्रदाय को रखा गया हैं

ऐसा होगा पानी वितरण का काम......

· 25 सदस्यीय निगरानी दल में 

· जनप्रतिनिधि: क्षेत्रीय पार्षद अध्यक्ष

· जनता: क्षेत्र के 10 सक्रिय लोग रहेंगे

· पीएचई: उपयंत्री सचिव की भूमिका में

· निगम: क्षेत्राधिकारी सहयोगी के रुप में

· उड़नदस्ता: 12 लोगों का संयुक्त दल

· कलेक्टर भी निगरानी रखेंगे 

इस बीच नगर निगम अधिकारियों के रवैये ने जनता की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। दरअसल शहर में दो दिन छोड़कर वाटर सप्लाई देने पर अमल तो शुरु कर दिया गया है। लेकिन निगम प्रशासन ने ना तो इसका शैड्यूल सार्वजनकि रुप से जारी किया है और ना ही अपने अमले के जरिए संबंधित क्षेत्र की जनता तक इस बारे में सूचना पहुंचाई गई कि उनके इलाके में पानी किन दिन एवं कब मिलेगा। इस बीच भ्रम की स्थिति के चलते आज एक तिहाई आबादी जल संकट से जूझती रही।