Mar 7, 2018
गरियाबंद/महासमुंद। सरकारी अस्पताल से प्राप्त चेक जब बाउंस हो तो हैरानी तो होती ही है। साथ ही ये कई सवाल भी पैदा करता है कि क्या सरकारी खजाने खाली हो गए हैं, जो इस तरह अब महज़ 600 रु. के चैक बाउंस हो रहे हैं।
क्या है मामला...
इसी तरह का एक मामला महासमुंद सरकारी अस्पताल का है जहां एक व्यक्ति के होश तब उड़ गए जब सरकारी चेक बाउंस हो गया। दरअसल नगर पंचायत राजिम के निवासी हरीश गुप्ता जब अपने परिवार की जनसंख्या की रोक थाम के लिए सरकार की योजना के अनुरूप नस बंदी करवाने जिला गरियाबंद से जिला महासमुंद सरकारी अस्पताल गया, और वहां नसबंदी करवाया तो सरकारी अस्पताल द्वारा भारतीय स्टेट बैंक का 600 रूपय का चेक हरीश गुप्ता को दिया,जिसे एक तरह की प्रोत्साहन राशि कह सकते हैं।
जब हरीश गुप्ता चेक को क्लियर कराने इंडियन ओवरसीज बैंक गया तो चेक बाउंस हो गया यानी महासमुंद जिला अस्पताल द्वारा दिऐ गए चेक के खाते में महज 600 रूपय राशि तक नही है। मजबूर हरीश गुप्ता ने पूरी आप बीती मीडिया को बताई कि किस तरह एक आम आदमी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
योजना के नाम पर किस तरह का खिलवाड़?
बड़ी हैरानी है कि प्रदेश सरकार अंतिम छोर के व्यक्ति तक विकास और योजना पहुंचाने की बात करती है, पर हरीश गुप्ता एक सब से बड़ा उदाहरण है, जो ये साबित कर रहा है कि एक आम आदमी के साथ योजना के नाम पर किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे में एक ही सवाल उठता है, जब सरकार योजनाओं से जनता को लाभान्वित करना चाहती है, तो सरकारी खजाने में राशि क्यों नहीं है, और क्यों चेक बाउंस की स्थिति निर्मित हो रही है।