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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नजरबंद नेताओं को किया रिहा

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Jan 4, 2020

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को हिरासत में रखे गए चार और नेताओं को रिहा कर दिया। जम्मू-कश्मीर राज्य से संविधान की धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने तथा राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद से एहतियात के तौर पर इनको नजरबंद किया गया था। गत वर्ष 5 अगस्त से हिरासत में रहने वाले नेताओं की चरणबद्ध रिहाई ने इन कयासों को भी हवा दी है कि जल्द ही कश्मीर में एक नया राजनीतिक मंच सामने आ सकता है।

'जम्मू-कश्मीर पीपल्स फ्रंट' पर विचार विमर्श
सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर विशेष दर्जा वापस लिए जाने और इसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद जिन नए चेहरों ने सियासत शुरू की है, उनके अलावा कुछ पुराने नेताओं के साथ यह राजनीतिक विकल्प बनाने का प्रयास चल रहा है। इसी प्रयास में लगे एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस नए प्लेटफॉर्म के नाम के तौर पर 'जम्मू-कश्मीर पीपल्स फ्रंट' पर भी विचार विमर्श हुआ है, हालांकि अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है।

कई बड़े नेता अभी भी हिरासत में..
स्थानीय राजनीतिक पार्टियों जैसे नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपल्स कॉन्फेंस के कई बड़े नेता अभी तक हिरासत में हैं। इनमें पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा सज्जाद लोन, नईम अख्तर और शाह फैसल समेत तक़रीबन 24 अन्य नेता श्रीनगर के MLA हॉस्टल में नजरबंद हैं।