Apr 29, 2020
नई दिल्ली: कोरोना संकट के कारण पूरी दुनिया के निशाने पर आए चीन के लिए आने वाले दिन और मुसीबत भरे हो सकते हैं। तमाम विदेशी कंपनियां चीन से अपना कारोबार समेटने की तैयारी में और मोदी सरकार इस बात का फायदा उठाने में जुट गई है। केंद्र सरकार चीन से कारोबार समेटने की इच्छुक दूसरे देशों खासकर अमेरिका और जापान की कंपनियों को हर हाल में भारत लाना चाहती है। इसके लिए राज्य सरकारों को उपयुक्त माहौल बनाने और तैयार रहने के लिए कहा गया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि कोरोना संकट के कारण मौजूदा समय में चीन के जो हालात हैं, उसका फायदा निश्चित तौर पर भारत को मिलने जा रहा है। उनका कहना है कि तमाम विदेशी कंपनियां चीन से कारोबार समेटने की तैयारी कर रही हैं। ऐसे में भारत को इसका फायदा उठाने के लिए तैयार रहना होगा।
विदेशी कंपनियों के लिए बनाएं माहौल
प्रसाद ने मंगलवार को राज्यों के आईटी मंत्रियों से इस बाबत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी की। उन्होंने राज्यों से कहा कि वैश्विक स्तर पर बने मौजूदा हालात का फायदा भारत को जरूर होगा। विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए राज्यों को अभी से ही उपयुक्त माहौल बनाना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। केंद्र सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए पहले ही इंसेंटिव देने की घोषणा कर चुकी है।
राज्यों से मिल रही है अच्छी प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार को इस बाबत राज्यों की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। चीन से कारोबार समेटने के इच्छुक विदेशी कंपनियों को अपने यहां लाने के लिए उत्तर प्रदेश और गुजरात की सरकारों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। विदेशी कंपनियों को अपने यहां आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अपनी औद्योगिक नीति में बदलाव कर रही है। गुजरात सरकार ने तो एक कदम और आगे बढ़ते हुए उन कंपनियों को अपने यहां लाने के लिए पत्र तक लिख दिया है। रविशंकर प्रसाद के पहले केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने भी औद्योगिक संगठनों के साथ हुई बैठक में साफ किया था कि कोरोना संकट थोड़ा शांत पड़ने पर सरकार की ओर से चीन में काम कर रही जापानी कंपनियों को भारत में लाने के लिए स्कीम लाई जा सकती है।