Apr 11, 2020
मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के अलावा एक दूसरा संकट सामने आ रहा है। शहर के मेडिकल स्टाफ और अस्पताल की नर्सों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मुंबई के कई बड़े निजी अस्पताल बंद होते जा रहे हैं। शुक्रवार को शहर के अस्पतालों के 19 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए। इसी के साथ मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने का आंकड़ा लगभग 100 हो गया है। कोरोना के फ्रंटलाइन मेडिकल कर्मियों के बीच संक्रमण बढ़ने के चलते मुंबई में निजी अस्पतालों से तत्काल रूप से सेफ्टी किट, अतिरिक्त वेतन और ट्रांसपोर्ट मुहैया कराने को कहा गया है। मुंबई के बड़े अस्पताल जैसे जसलोक, वॉकहार्ट, शुश्रूषा अस्पताल और भाटिया अस्पताल सील हो चुके हैं। इसके चलते अस्पतालों में सेफ्टी प्रोटोकॉल पर सवाल उठने लगने हैं।
प्राइवेट अस्पतालों की इस समय सख्त जरूरत
ब्रीच कैंडी अस्पताल में दो और नर्सें कोरोना पॉजिटिव पाई गईं, जहां कुछ दिन पहले 180 नर्सों को क्वारंटीन करने के बाद सिर्फ इमर्जेंसी और आईसीयू सेवाएं दी जा रही थीं। 100 संक्रमित हेल्थकेयर वर्करों में 60 से अधिक नर्सें, 10 डॉक्टर और बाकी कार्डिऐक या पैथोलॉजी लैब के टेक्निशियन और सफाईकर्मी हैं। निजी अस्पतालों की स्थिति पर बीएमसी कमिश्नर प्रवीन परदेसी का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों की इस समय सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ मरीज प्राइवेट अस्पताल में जाना प्रेफर करते हैं और इनमें से कुछ कोविड-19 के केसों में अच्छा काम भी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अगर एक अस्पताल संक्रमित होता है तो उसे प्रोटोकॉल के तहत टेस्टिंग और परिसर को डिसइंफेक्टेड करना जरूरी है।