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एनएमसी बिल के विरोध में देश भर में डॉक्‍टरों की हड़ताल

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Aug 1, 2019

एनएमसी बिल के खिलाफ देश भर में डॉक्‍टरों की हड़ताल का आज भी असर दिखने की संभावना जताई जा रही है। दिल्ली के एम्स, सफदरजंग, मौलाना आज़ाद कॉलेज, लेडी हार्डिंग, एलएनजीपी समेत कई सरकारी अस्‍पतालों के डॉक्‍टर फिलहाल हड़ताल पर हैं। बता दें कि एम्स अस्पताल में एक दिन में 15 हज़ार मरीज़ इलाज हेतु आते हैं। सफदरजंग में 7-8 हज़ार, आरएमएल में 6-7 हज़ार, एलएनजेपी में 8-9 हज़ार मरीज हर दिन इलाज के लिए आते है। इसे देखते हुए आज दिल्ली के लिए मुसीबत का दिन नजर आ रहा है।

राजधानी दिल्ली में आज 50 हज़ार मरीज़ परेशान होने की संभावना जताई जा रही हैं। खबर है कि आज दोपहर 2 बजे एम्स के डॉक्टर एनएमसी बिल के विरोध में पार्लियामेंट तक मार्च निकालेंगे। साथ ही बता दें कि लोकसभा में मंगलवार को एनएमसी बिल पास हुआ है और डॉक्‍टरों के मुताबिक इससे नीम-हकीमों को प्रोत्‍साहन भी मिलेगा।

क्‍या है एनएमसी बिल..

1- इसके सेक्शन 32 में 3.5 लाख नॉन मेडिकल शख्स को लाइसेंस देकर सभी प्रकार की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार प्रदान किया जा रहा है। 6 माह का एक ब्रिज कोर्स करने के बाद देश के आयुर्वेद और यूनानी डॉक्टर भी एमबीबीएस डॉक्टर की तरह एलोपैथी दवाएं मरीजों को प्रदान कर सकेंगे या लिख सकेंगे। 
2- मेडिकल कोर्स यानी कि ग्रेजुएशन के बाद भी प्रैक्टिस करने हेतु एक और एग्जाम देना पड़ेगी। यह एग्जाम कंप्ल्सरी बगाताया जा रहा है इसे पास करने के बाद ही प्रैक्टिस और पोस्ट ग्रेजुएशन की इजाजत दी जाएगी. फिलहाल एग्जिट टेस्ट सिर्फ विदेश से मेडिकल की पढ़ाई पढ़कर आने वाले छात्र ही देते हैं।
3- NMC प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 40 फीसदी सीटों की फीस को भी तय करेगा. बाकी 60 फीसदी सीटों की फीस तय करने का अधिकार कॉलेजों के पास होगा।