Dec 23, 2019
यह तो सभी जानते है राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (नैशनल कंज्यूमर डे) हर साल की तरह इस साल भी 24 दिसंबर को मनाया जा रहा है। इसका मकसद कंज्यूमर्स को उनका महत्व, उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता फैलाना है। 24 दिसंबर 1986 में इस दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया गया था। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 और तथा 1993 में बदलाव किए गए। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को ज्यादा कार्यरत और पर्पसफुल बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक बदलाव किया गया और 15 मार्च 2003 इसे लागू किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार के शोषण के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा उपाय प्रदान करना है, जैसे कि खराब सामान या खराब सर्विसेस और अनुचित व्यापार व्यवहार।
हर साल इस दिन को अलग अलग थीम पर मनाया जाता है, इस साल वैकल्पिक उपभोक्ता विवाद निवारण थीम पर इस दिन को मनाया जा रहा है। इस अधिनियम को देश में उपभोक्ता आंदोलन में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर माना गया है। इस अधिनियम में उपभोक्ताओं को उनके हक के लिए लड़ने का अधिकार दिया गया है। इसके तहत उपभोक्ता को (i) सुरक्षा का अधिकार (ii) सूचना का अधिकार (iii) पसंद का अधिकार (iv) सुनवाई का अधिकार (v) निवारण का अधिकार (vi) शिक्षा का अधिकार है।
बता दें कि भारत सरकार ने 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है, क्योंकि भारत के राष्ट्रपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986के अधिनियम को स्वीकारा था। बता दें कि पिछले साल 20 दिसंबर 2018 को लोकसभा ने अधिनियम में संशोधन करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018 पारित किया। बिल में सख्त सजा की मांग, जेल की शर्तें और भ्रामक विज्ञापन और भोजन में मिलावट के लिए भारी जुर्माना शामिल है।