Nov 22, 2025
जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का धमाकेदार संबोधन: ‘वसुधैव कुटुंबकम’ से गूंजा जोहान्सबर्ग, गांधी के सत्याग्रह को किया याद
जोहान्सबर्ग में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बेहद प्रभावशाली और प्रेरक संबोधन दिया। ‘Solidarity, Equality, Sustainability’ थीम पर बोलते हुए पीएम मोदी ने भारत के प्राचीन दर्शन ‘वसुधैव कुटुंबकम’ को वैश्विक पटल पर रखा और इसे ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ के रूप में प्रस्तुत किया। महात्मा गांधी के सत्याग्रह की जन्मभूमि दक्षिण अफ्रीका से उन्होंने ग्लोबल साउथ की मजबूत आवाज बुलंद की। उनका करीब 15 मिनट का भाषण समावेशी विकास, जलवायु न्याय, डिजिटल क्रांति और वैश्विक एकजुटता पर केंद्रित रहा, जिसे दुनिया भर में सराहा जा रहा है। (72 शब्द)
गांधी की पावन धरती से वैश्विक संदेश
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका के ऐतिहासिक महत्व से की। उन्होंने कहा, “यह वही पवित्र भूमि है जहां बापू ने सत्याग्रह और अहिंसा का बीज बोया था।” अफ्रीका में पहली बार हो रहे जी-20 सम्मेलन को उन्होंने ग्लोबल साउथ के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया।
अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता का बड़ा कदम
भारत की 2023 जी-20 अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता दिलाने का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह फैसला विकासशील देशों की साझा विरासत को मजबूत करता है और वैश्विक मंच पर उनकी भागीदारी को और सशक्त बनाता है।
तीन प्रमुख मुद्दों पर भारत का विजन
प्रधानमंत्री ने तीन बड़े क्षेत्रों पर फोकस किया – समावेशी विकास, जलवायु न्याय और भविष्य की तकनीक। यूपीआई, आयुष्मान भारत जैसे डिजिटल मॉडल को दुनिया के सामने रखते हुए उन्होंने कहा कि विकासशील देशों को सस्ती पूंजी और तकनीकी हस्तांतरण की जरूरत है।
जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद पर एकजुटता की पुकार
जलवायु परिवर्तन को मानवता का संकट बताते हुए पीएम ने लॉस एंड डैमेज फंड को मजबूत करने पर जोर दिया। साथ ही आतंकवाद, महामारी और आर्थिक अस्थिरता से लड़ने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होने का आह्वान किया।
भारत की बढ़ती वैश्विक छाप
विश्लेषकों के अनुसार पीएम मोदी का यह संबोधन भारत को वैश्विक नेतृत्व की नई ऊंचाई पर ले गया है। सोशल मीडिया पर #ModiAtG20 लगातार ट्रेंड कर रहा है। सम्मेलन 23 नवंबर तक चलेगा, जिसमें अंतिम घोषणा-पत्र पर मुहर लगेगी।







