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Coronil/अपने ही दावे से मुकरा पंतजलि, कही ये बात...

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Jun 29, 2020

अभी अभी मिली जानकारी के अनुसार पतंजलि योग पीठ कोरोना वायरस की दवा बनाने के अपने दावे से पीछे हट रहा है। जहां पतंजलि ने दावा किया था कि उसकी दवाई कोरोनिल से कोरोना वायरस का इलाज आसानी से किया जा सकता है। पतंजलि योग पीठ ने सोमवार यानि आज 29 जून 2020 को उत्तराखंड आयुष विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दिया गया है। आयुष विभाग को भेजे जवाब में पतंजलि अपने पूर्व दावों से पूरी तरह से पलट गया है।

कोरोनिल की लांचिंग के दौरान योग गुरु ने किया था दावा
मिली जानकारी के अनुसार बीते सप्ताह मंगलवार यानी 23 जून 2020 को कोरोनिल की लांचिंग के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कोरोनिल, श्वसारि बटी और अनु तेल से कोरोना के उपचार का दावा किया था। इस पर 24 जून 2020 को उत्तराखंड आयुष विभाग ने पतंजलि को नोटिस जारी कर दिया था। लेकिन अब पतंजलि अपने दावे से पलट गया है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि  योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने हरिद्वार में प्रेस कांफ्रेंस कर कोरोनिल नामक इस आयुर्वेदिक दवा के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। जंहा इस दौरान बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद की औषधि दिव्य कोरोनिल टेबलेट के कोरोना संक्रमित मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के परिणामों की एलान भी क्या था। 

पतंजलि योगपीठ का दावा
पतंजलि योगपीठ की ओर से दावा किया गया था कि कोरोना टेबलेट पर हुआ यह शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है। बाबा रामदेव ने उस समय बताया था कि इस दवा में सिर्फ देसी सामान का उपयोग कर सकते है। इस दवा में मुलैठी, काढ़ा समेत गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासरि का इस्तेमाल किया गया है। फ़िलहाल अब उत्तराखंड आयुष विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस के जवाब में पतंजलि अपनी बातों से पूरी तरह से पलट गया है। बताया जा रहा है कि पतंजलि ने जवाब में ये लिखा कि उसने कभी भी कोरोना के इलाज का दावा नहीं किया है। उसने केवल आयुर्वेद औषधि कोरोनिल टेबलेट के कोरोना संक्रमित मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के परिणामों की जानकारी दी है। इस औषधि के उपयोग से कोरोना संक्रमितों पर काफी सकारात्मक असर हुआ था।