Loading...
अभी-अभी:

SC में अवैध रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर नई याचिका दाखिल

image

Sep 24, 2017

नई दिल्ली: अवैध रूप में भारत में प्रवेश करने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करने तथा उनको उनके देश वापस भेजने के केन्द्र के रूख का समर्थन करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक नई याचिका दायर की गई। केन्द्र ने भारत में अवैध रूप से रह रहे करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान कर उन्हें वापस म्यामां भेजने की बात न्यायालय में कही थी। संभवत: नई याचिका पर सुनवाई स्वदेश भेजे जाने के खिलाफ दो रोहिंग्या मुसलमानों की ओर से दायर जनहित याचिका के साथ ही होगी।

घुसपैठियों की करें पहचान 
वकील एवं भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि न्यायालय की रजिस्ट्री में उनकी याचिका स्वीकार हो गई है और पहले से तय तारीख पर उसकी सुनवाई होगी। इस याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि वह केन्द्र को निर्देश दे कि वह बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या सहित सभी अवैध आव्रजकों और घुसपैठियों की पहचान करे, उन्हें हिरासत में ले और उनके देश वापस भेजें। याचिका में कहा गया कि बड़ी संख्या में आने वाले अवैध आव्रजकों ने, विशेष रूप से म्यामां और बांग्लादेश से आने वालों ने, ना सिर्फ सीमावर्ती जिलों के लिए खतरा पैदा किया है बल्कि वर्तमान स्थिति में सुरक्षा और राष्ट्रीय एकीकरण के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न किया है।

म्यामां से लाया जा रहा है अवैध आव्रजकों को 
इस याचिका में आरोप लगाया गया कि एजेंटों और दलालों के माध्यम से बेहद संगठित तरीके से म्यामां से अवैध आव्रजकों को लाया जा रहा है। उसमें कहा गया कि एजेंट और दलाल बेनापोले-हरिदासपुर और हिल्ली (पश्चिम बंगाल), सोनामोरा (त्रिपुरा), कोलकाता और गुवाहाटी के माध्यम से रोङ्क्षहग्या आव्रजकों को ला रहे हें। यह स्थिति बेहद गंभीरता से राष्ट्र की सुरक्षा को नुकसान पहुंचा रही है। इस बीच जनहित याचिका दायर करने वाले रोहिंग्या आव्रजकों मोहम्मद सलीमुल्ला और मोहम्मद शाकीर ने दावा किया कि म्यामां से भागने के बाद उन्होंने भारत में शरण ली है। वह म्यामां में समुदाय के साथ हो रहे भेदभाव, ङ्क्षहसा और खून-खराबे के कारण वहां से भागे हैं। उन्होंने हाल ही में केन्द्र के हलफनामे पर अपना जवाबी हलफनामा दायर किया है।