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राज्यसभा उपचुनावों के लेकर तारीख तय , इन सीटों पर होना है चुनाव , जानिए कहां कितनी सीटें खाली

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Aug 8, 2024

राज्यसभा के लिए उपचुनाव नज़दीक है.  चुनाव आयोग ने 3 सितंबर को चुनाव की घोषणा की है. चुनाव आयोग ने बुधवार को 9 राज्यों की इन 12 सीटों पर मतदान के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही अब राजनीतिक पार्टियां जीत का फॉर्मूला तैयार करने में जुट गई हैं.

इन सीटों पर जीत किसकी होगी यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस बार इन 12 में से 10 सीटों पर कांटे की टक्कर बताई जा रही है.  हालांकि, कुछ सीटों पर कांग्रेस को ज्यादा तवज्जो मिल रही है और कुछ सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ रहा है. आइए जानते हैं कि इस चुनाव के बाद राज्यसभा का गणित कैसे बदल जाएगा.

इन सीटों पर होना है राज्यसभा उपचुनाव

महाराष्ट्र में 2, बिहार में 2, असम में 2, त्रिपुरा में 1, हरियाणा में 1, राजस्थान में 1 और मध्य प्रदेश में 1, ओडिशा में 1 और तेलंगाना में 1 राज्यसभा सीटें खाली हैं जहां उपचुनाव होना है. 

क्यों खाली हैं ये सीटें?

इन 12 रिक्त सीटों में से 10 सीटें उच्च सदन के सदस्यों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई हैं, जबकि तेलंगाना और ओडिशा के एक-एक राज्यसभा सदस्य ने अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरी पार्टी में शामिल हो गए और इस तरह राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया है जिस वजह से अब यह सीटें खाली है. 

इन 12 सीटों में पहले क्या स्थिति थी?

इन 12 सीटों पर पहले की बात करें तो बीजेपी आगे थी. इसमें 7 राज्यसभा सांसद थे. महाराष्ट्र की दोनों सीटों पर बीजेपी का कब्जा था. बिहार में एक सीट पर बीजेपी और एक सीट पर राजद का कब्जा था. असम में बीजेपी ने दोनों सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी ने मध्य प्रदेश में एक सीट जीती, बीजेपी ने त्रिपुरा में एक सीट जीती, कांग्रेस ने हरियाणा में एक सीट जीती और कांग्रेस ने राजस्थान में एक सीट जीती. इसके अलावा फिलहाल तेलंगाना में के. केशव भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वहीं ओडिशा में बीजू जनता दल के सांसद ममत मोहंता ने बीजेपी में शामिल होने के बाद राज्यसभा सीट छोड़ दी.

मध्य प्रदेश और त्रिपुरा में बीजेपी मजबूत

एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा कि चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने अब तक मध्य प्रदेश में प्रदर्शन किया है, उससे साफ है कि यहां भी बीजेपी एकतरफा जीत दर्ज करेगी और एक सीट फिर जीतेगी. इसके अलावा त्रिपुरा में भी बीजेपी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है.

असम में भी एकतरफा टकराव की बात

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक असम में भी बीजेपी काफी मजबूत दिख रही है. इसके अलावा पिछली बार भी दोनों सीटों पर उनका ही कब्जा था. ऐसे में जानकार कह रहे हैं कि इस बार भी बीजेपी असम की दोनों सीटें जीत सकती है.

राजस्थान में बीजेपी आगे

राजस्थान की एक सीट पर राज्यसभा उपचुनाव होगा. यहां  बीजेपी की स्थिति मजबूत बताई जा रही है. जानकारों का कहना है कि जिस तरह से पार्टी ने राजस्थान में पहले विधानसभा चुनाव और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन किया है, उसे देखते हुए बीजेपी एक बार फिर यहां जीत दर्ज कर सकती है.

महाराष्ट्र और बिहार में कांटे की टक्कर

अगर महाराष्ट्र और बिहार की बात करें तो यहां कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. पिछली बार बिहार में राजद ने एक और भाजपा ने एक सीट जीती थी. इस बार भी यहां कांटे की टक्कर हो सकती है. 

ओडिशा में बीजेपी और तेलंगाना में कांग्रेस आगे

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार ओडिशा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बीजेडी को सत्ता से बाहर कर दिया है. इस बार उनके पास संख्याबल ज्यादा है इसलिए ओडिशा में बीजेपी को भारी बढ़त हासिल है. वहीं, तेलंगाना की बात करें तो यहां रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनाई है. पार्टी के पास विधायकों की अच्छी संख्या है. जानकारों का कहना है कि तेलंगाना में कांग्रेस जीत सकती है.

हरियाणा में कड़ा मुकाबला

सभी राज्यों में से हरियाणा का मुकाबला सबसे कड़ा माना जा रहा है. 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में अब 87 सदस्य हैं. पार्टी के हिसाब से बीजेपी के पास 41 विधायक हैं. इसके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के दो विधायक नयन पाल रावत और गोपाल कांडा भी बीजेपी का समर्थन करते हैं. बीजेपी के पास कुल 44 विधायकों का समर्थन है.

वहीं विपक्ष पर नजर डालें तो उनके पास 43 विधायक हैं. इनमें से कांग्रेस के 28 विधायक हैं, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 10 और तीन निर्दलीय (रणधीर गोलन, धर्म पाल गोंदर और सोमवीर सांगवान), चौथे निर्दलीय बलराज कुंडू और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के अभय चौटाला हैं. तीन निर्दलीय विधायकों, रणधीर गोलन, धर्म पाल गोंदर और सोमवीर सांगवान ने पहले सरकार का समर्थन किया था, लेकिन हाल ही में उन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया है.

Report By:
Devashish Upadhyay.