Sep 29, 2025
सोने-चांदी का रहस्यमय उछाल: क्या वैश्विक संकट छिपा है इन चमकदार धातुओं के पीछे?
सोमवार, 29 सितंबर 2025 को भारतीय सर्राफा बाजार में एक ऐसी घटना घटी जो निवेशकों के दिलों में उत्साह और आशंकाओं का मिश्रण भर गई। चांदी की कीमतें अचानक 7,000 रुपये की भारी छलांग लगाते हुए 1.5 लाख रुपये प्रति किलो के अभूतपूर्व रिकॉर्ड पर पहुंच गईं, जबकि सोना भी 1,500 रुपये की तेजी के साथ 1,19,500 रुपये प्रति 10 ग्राम छू गया। यह उछाल सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं लगता—यह वैश्विक तनावों की परछाईं नजर आती है, जहां कमजोर डॉलर और अनिश्चितताओं के बीच निवेशक सुरक्षित ठिकाने तलाश रहे हैं। क्या यह महंगाई का नया दौर है या कोई गुप्त आर्थिक तूफान का संकेत? आइए, इस रोचक कथा को खोलते हैं।
दिल्ली सर्राफा बाजार में चांदी का धमाका: 1.5 लाख का जादू
दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोमवार सुबह से ही हलचल मची हुई थी। चांदी, जो अक्सर सोने की छाया में रहती है, इस बार मुख्य भूमिका निभा रही थी। 7,000 रुपये की जबरदस्त बढ़ोतरी के साथ यह 1.5 लाख रुपये प्रति किलो के नए ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई। कल्पना कीजिए, एक किलो चांदी जो कुछ ही घंटों में लाखों की चमक पकड़ ले—यह कोई जादू नहीं, बल्कि बाजार की रहस्यमयी लहरों का कमाल है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक मांग में अचानक उछाल और डॉलर की कमजोरी ने इसे हवा दी। लेकिन सवाल यह उठता है: क्या यह स्थायी चमक है या बस एक क्षणिक भ्रम? अधिक जानकारी के लिए MCX वेबसाइट पर नजर डालें, जहां वायदा भावों का लाइव अपडेट मिलेगा।
इस बीच, 99.5 प्रतिशत शुद्ध सोना भी पीछे नहीं रहा। शनिवार के 1,17,400 रुपये से उछलते हुए यह 1,18,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। निवेशक अब सोच रहे हैं—क्या यह खरीदने का सही समय है, या इंतजार करें जब तक यह रहस्य खुल न जाए?
वायदा बाजार का नया अध्याय: MCX पर रिकॉर्ड तोड़ रेस
वायदा कारोबार में तो जैसे आग लग गई हो। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अक्टूबर डिलीवरी वाले सोने के कॉन्ट्रैक्ट ने 1,204 रुपये (1.06%) की बढ़त के साथ 1,14,992 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऑल-टाइम हाई छुआ। दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट तो और आगे निकल गया—1,034 रुपये (0.9%) ऊपर चढ़कर 1,15,925 रुपये पर। चांदी के मामले में दिसंबर अनुबंध 2,290 रुपये (1.61%) की तेजी से 1,44,179 रुपये प्रति किलो पर पहुंचा, जबकि मार्च 2026 कॉन्ट्रैक्ट 2,559 रुपये (1.79%) बढ़कर 1,45,817 रुपये का सर्वकालिक उच्च स्तर हासिल कर लिया।
यह सब सोमवार दोपहर तक का नजारा था, जब ट्रेडर्स की आंखें चमक रही थीं। लेकिन पीछे की कहानी? वैश्विक अनिश्चितताएं—चाहे भू-राजनीतिक तनाव हो या आर्थिक नीतियों का अज्ञात मोड़—इन धातुओं को सुरक्षित आश्रय बना रही हैं। क्या कल और ऊंचाई देखने को मिलेगी, या अचानक गिरावट का डर?
वैश्विक बाजारों की रहस्यमयी लहर: डॉलर की कमजोरी का राज
विदेशी बाजारों में भी सोमवार को सोना-चांदी ने तहलका मचा दिया। हाजिर सोना लगभग 2% चढ़कर 3,824.61 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड पर पहुंच गया, जबकि चांदी 2% से ज्यादा ऊपर 47.18 डॉलर प्रति औंस हो गई। विश्लेषक इसे मजबूत वैश्विक मांग और डॉलर की अकस्मात कमजोरी से जोड़ते हैं। लेकिन गहराई में झांकें तो लगता है जैसे कोई अदृश्य हाथ इन कीमतों को नच रहा हो—शायद निरंतर वैश्विक संकटों का डर, जो निवेशकों को चमकदार धातुओं की ओर धकेल रहा है।
भारतीय बाजार इस वैश्विक लहर से अछूता कैसे रह सकता है? सोमवार की यह घटना न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ने वाली थी, बल्कि एक संकेत भी—कि आर्थिक दुनिया में कुछ बड़ा बदलाव का इशारा हो रहा है। निवेशक सतर्क रहें, क्योंकि यह चमक लंबे समय तक टिकेगी या फीकी पड़ जाएगी, यह समय ही बताएगा।