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10 दिन बाद भी नहीं सुलझ रही दो मासूमों के अपहरण की गुत्थी

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Feb 21, 2019

रामनरेश श्रीवास्तव- राम की तपोभूमि चित्रकूट के एसपीएस स्कूल से दिनदहाड़े कट्टे की नोंक पर अगुआ किए गए दो बच्चों  के अपहरण की गुत्थी यूपी और एमपी की पुलिस 10 दिन बाद भी नहीं सुलझा पा रही है। वहीं सोशल मीडिया में बच्चों की रिहाई की वायरल हुई खबर आग की तरह फैल गई। खबर सुनकर बच्चों के परिजनों में बच्चों की रिहाई की एक बार आस बंधी थी लेकिन सोशल मीडिया में वायरल खबर भी महज अफवाह निकली। कल सतना एसपी संतोष सिंह गौर ने भी सोशल मीडिया में वायरल बच्चों की रिहाई की खबर पर विराम लगा दिया। सोशल मीडिया में बच्चों के मिलने की अफवाह से अपहृत बच्चों के परिजन बहुत आहत हैं। फिलहाल अपहृत बच्चों के परिजन किसी भी तरह की फिरौती से भी इंकार कर रहे हैं। 

दो राज्यों की पुलिस मिलकर मामले को सुलझाने में विफल

चित्रकूट से हुए मासूमों के अपहरण का यह मामला हाई प्रोफाइल मामला बन गया है। दो राज्यों की पुलिस मिलकर भी इस मामले को सुलझाने में विफल हो रही है। पुलिस अपहरणकर्ताओं के गिरेबान तक पहुंचने के लिए पिछले 10 दिनों से एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। भारी फोर्स बल के साथ रीवा रेंज के आईजी, डीआईजी और सतना एसपी तथा यूपी की फोर्स इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी  है। इसके अलावा  यूपी और एमपी की एसटीएफ़ भी इस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है, मगर भारी भरकम पुलिस का सर्चिंग अभियान अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा है। उधर अपहृत बच्चों के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। परिजन हताश हो रहे हैं। 10 दिन हो गए, बच्चों को देखने के लिए परिजनों की आंखे सूखती नज़र आ रही हैं। निराशा भरी स्थिति से उबरने के लिये अब वे भगवान भरोसे दिख रहे हैं।

बच्चों को छुड़ा लिये जाने का पुलिस दे रही आश्वासन

चित्रकूट में पिछले 1 हफ्ते से डेरा डाले सतना एसपी ने अपहृत बच्चों की रिहाई तथा अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने के मामले में निराश नज़र आए। हैरत की बात तो यह है कि अभी तक फिरौती के लिए कोई फोन भी नहीं आया है, जिससे बच्चों के अपहरण का कारण स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। इसके बाद भी पुलिस मीडिया से यही कह रही है कि अपहृतों के चंगुल से जल्द बच्चों को छुड़ा लिया जाएगा। अब देखना यह है कि आखिर पुलिस बच्चों को अपहृतों की कैद से मुक्त करा पायेगी भी या नहीं। 

प्रभारी मंत्री द्वारा परिजनों पर ही खड़े किये जा रहे हैं सवाल

एक तरफ जहां पीड़ित परिवार का पुलिस से भरोसा उठ रहा है तो वहीं सतना जिले के प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया के बयान पर भी अपहृत के परिजनों ने आपत्ति दर्ज कराई है। परिजनों का कहना है कि प्रभारी मंत्री जिस तरह से बयान दे रहे हैं, वह उचित नहीं है। बच्चे हमारे अपहृत हुए हैं, प्रभारी मंत्रीजी के नहीं। पूरा परिवार सदमे में है और प्रभारी मंत्री जी द्वारा परिजनों पर ही सवाल खड़े करना शोभा नहीं देता। आपको बता दें कि जिले के प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया ने सपना प्रवास के दौरान चित्रकूट अपहरण मामले में बयान दिया था कि 2 दिन में अपहरण का खुलासा हो जाएगा। उनका कहना है कि चूंकि  अपहृत के सगे संबंधियों के इस अपहरण कांड में संलिप्त होने की आशंका है, इसलिए भी पुलिस को इस गुत्थी को सुलझाने में देरी हो रही है।