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योगी सरकार ने 16 लाख से अधिक सरकारी कर्मियों के साथ शिक्षकों के डीए और पेंशनर्स के डीआर में इजाफे पर लगाई रोक

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Apr 26, 2020

भारत में किसी भी तरह कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने में केंद्र के साथ प्रदेश सरकार भी पूरे जोर से लगी है। इसी क्रम में बचाव, उपचार और राहत कार्यों के लिए खजाना खोले बैठी योगी आदित्यनाथ सरकार आय के स्त्रोत तलाशने-लपकने में भी जुटी है। प्रदेश सरकार ने आय के स्त्रोत को सहेजने की खातिर प्रदेश में 16 लाख से अधिक सरकारी कर्मियों के साथ शिक्षकों के डीए और पेंशनर्स के डीआर में इजाफे पर रोक लगा दी है। इसका शासनादेश भी जारी किया गया है। उधर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है।

 महंगाई भत्ता व पेंशनरों के महंगाई राहत रोकने का ऐलान
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र की तरह अपने कर्मियों का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता व पेंशनरों के महंगाई राहत रोकने का एलान किया है। सरकार ने राज्य कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों पर रोक लगाई हैं। इसे 31 मार्च 2021 तक स्थगित रखा जाएगा। इसमें मंहगाई भत्ता विभागीय भत्ते, सचिवालय भत्ता, पुलिस भत्ता भी शामिल हैं। इसका 16 लाख कर्मचारी व 11.82 लाख पेंशनर पर इसका असर पड़ेगा। प्रदेश सरकार केंद्र के फैसले पर हर संभव अमल का प्रयास करती है उसी क्रम में यह निर्णय लिया गया हैं। विधायकों व मंत्रियों के वेतन भत्ते व विधायक निधि में कटौती व स्थगन से लेकर सरकारी दफ्तरों को खोलने से जुड़े सभी निर्णय इसकी बानगी हैं।

सरकारी कर्मियों के छह और भत्तों पर भी रोक
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस आदेश को जारी करने के साथ ही सरकारी कर्मियों के छह और भत्तों पर भी रोक लगा दी है। जनजीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बने कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग भी उतनी ही तैयारी के साथ लड़ी जा रही है। सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार बचाव, उपचार और राहत कार्यों के लिए खजाना खोलने के साथ आय के स्त्रोत भी तलाश तथा सहेज रही है। प्रदेश में विधायकों की निधि और वेतन से करोड़ों रुपये का एकमुश्त इंतजाम कर चुकी सरकार की नजर अब राज्यकर्मियों और शिक्षकों के डीए (महंगाई भत्ता) पर थी।