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सूरजपुरः कोयला चोर कौन, 15 टन जब्ती अवैध कोयला का मामला

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May 11, 2019

दिलशाद अहमद- लगातार विवादों में रहने वाला सूरजपुर पुलिस कोयला माफियाओं से सांठ-गाँठ के आरोप में फिर से सुर्ख़ियों में है। दरअसल क्षेत्र में हो कोयले के अवैध कारोबार को लेकर मीडिया में खबर दिखाई गई थी, जिसके बाद पुलिस ने खानापूर्ति करते हुए लगभग 15 टन अवैध कोयला जब्त किया था, लेकिन जब्त किया गया।

हम आपको बता दें कि जब भी पुलिस अवैध कोयला जब्त करती  है तो कानून के हिसाब से उसे थाने परिसर में जमा करना होता है या फिर SECL को सुपुर्द करना होता है। जबकि इस मामले में पुलिस SECL को कोयला सुपुर्द करने की बात कह रही है और SECL के अधिकारी इस बात से इंकार कर रहे हैं। सवाल अब भी वही है कि आखिरकार जब्त कोयला गया कहाँ?

कोयले के काले कारोबार में पुलिस की भूमिका सबसे संदिग्ध

तस्वीरों में दिखाई दे रहा यह कोयले का भण्डार, यह किसी कोयला खदान का नजारा नहीं है, बल्कि यह तस्वीर एक गांव पोड़ी की है। जहाँ इन दिनों कोयले का अवैध कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है, वह भी वर्दी और खाकी के संरक्षण में। दरअसल यह क्षेत्र बहुत पहले से ही कोयला तस्करी को लेकर विवादित रहा है। इस काले कारोबार ने कई ग्रामीणों को मौत के आगोश में भेज दिया था। जिसके बाद लगभग एक दशक तक यह कारोबार लगभग बंद ही रहा, लेकिन अब फिर से कोयला माफिया शक्रिय हो गए हैं। इस काले कारोबार में पुलिस की भूमिका सबसे संदिग्ध है। हम आपको बता दें कि मीडिया में कोयला तस्करी की खबर प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद पुलिस ने छापा मारकर 10 टन अवैध कोयला जब्त किया था, जिसकी तस्वीरें और थाना प्रभारी की बाइट भी हमारे पास मौजूद है जिसमें उन्होंने कोयला जब्त करने की बात कही थी।

कोल माफिया और पुलिस की मिलीभगत को लेकर स्थानीय लोगों में भी आक्रोश

वहीँ कोल माफिया और पुलिस की मिलीभगत को लेकर स्थानीय लोगों में भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब स्थानीय लोग आंदोलन की बात कह रहे हैं। पुरानी कहावत है, साइयाँ भय कोतवाल तो डर काहें का। यही हाल फिलहाल सूरजपुर का है। आरोप इसलिए भी कि क्योंकि जब कोयला जब्त हुआ तो वह गया कहाँ? इस मामले में सम्बंधित सभी अधिकारियों के बयान अलग-अलग क्यों? जब पुलिस ही माफियाओं का साथ देने लगेगी तो स्थिति क्या होगी, इसका इन्दाजा आसानी से लगाया जा सकता है।