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नाली निर्माण के दौरान भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने, निगम के ठेकेदार ने की राशि आहरण करने की कोशिश

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Aug 20, 2019

आशुतोष तिवारी : नगर निगम में नाली निर्माण के दौरान भारी भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया है,निगम के ठेकेदार ने 5 साल पहले बनी नाली को दिखाकर निगम के सब इंजीनियर और अधिकारियों से मिलीभगत करते हुए उसी नाली की नयी बिलिंग कर ऱाशि आहरण करने की कोशिश की। मामला वार्ड पार्षद के संज्ञान में आने के बाद इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल का खुलासा हुआ और महापौर ने आनन फानन में सब इंजीनियर को निलंबित कर दिया। वहीं बीजेपी के पार्षदो ने इस भ्रष्टाचार के खेल में महापौर का संरक्षण मिलने और दोषी ठेकेदार को बचाने का आरोप लगाया है।

नेता प्रतिपक्ष नरसिंह राव ने दी जानकारी
बीजेपी पार्षद व निगम के उप नेता प्रतिपक्ष नरसिंह राव ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर के वीरसावरकर वार्ड मे 5 साल पहले नाली का निर्माण किया गया था और उसका पैसा भी आहरण कर लिया गया था, लेकिन निगम के नये ठेकेदार ने उसी नाली को दिखाकर सब इंजीनियर और निगम के अधिकारियो से मिलीभगत कर उसी नाली पर फर्जी बिल लगाया और पूरी राशि आहरण करने की कोशिश की, लेकिन वीर सावरकर वार्ड के पार्षद को इस मामले की जानकारी मिली औऱ फिर इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। मामले के उजागर होने के बाद बीजेपी पार्षद दल ने सदन मे इस मामले को उठाया जिसके बाद निगम के महापौर ने सब इंजीनियर को निलंबित कर दिया लेकिन जिम्मेदार ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नही की और अब ठेकेदार को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। 

बीजेपी पार्षद के मुताबिक
बीजेपी पार्षद ने बताया कि भ्रष्टाचार का खेल यहीं नहीं थमा अपनी गलती को छिपाने के लिए महापौर के सरंक्षण में ठेकेदार ने उसी वीरसावरकर वार्ड में बिना सेक्शन के और बीना टेंडर के किसान के निजी भूमि में 100 मीटर के नाली का निर्माण कर दिया ताकि फर्जी बिल को इस नाली निर्माण में मेंशन किया जा सके, लेकिन इस बात की भी जानकारी वार्ड पार्षद को लगी और उन्होंने नाली निर्माण का काम रूकवा दिया।

महापौर के संलिप्तता का लगाया आरोप 
पार्षद ने कहा कि सामान्य सभा में इस मामले को उठाने के बाद निगम के अध्यक्ष ने अब जांच टीम गठित की है लेकिन बीजेपी पार्षद दल को इस जांच से न्याय की उम्मीद नही है जिसके लिए वे अब उच्च अधिकारियों से इस मामले की शिकायत कर संबधित लोगो पर कार्रवाई की मांग करेंगे। बीजेपी पार्षद ने इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल में महापौर के संलिप्तता का आरोप लगाया है।

सब इंजीनियर को किया निलंबित 
इधर निगम के महापौर ने इस मामले को राजनीति षडयंत्र बताया है, महापौर जतिन जयसवाल का कहना है कि फर्जी बिंलिग की जानकारी मिलने के बाद निगम के सब इंजीनियर को तत्काल निलंबति कर दिया गया, वही ठेकेदार पर अब तक कार्रवाई नही किये जाने के सवाल पर महापौर ने कहा कि मामले की डीर्पाटमेंटल इंक्वायरी की जा रही है, और जांच के बाद इस मामले मे संलिप्त सभी लोगो को पर कार्रवाई की जायेगी और किसी को बख्शा नही जायेगा।  

5 साल पूर्व किया था नाली का निर्माण
जानकारी के मुताबिक वीर सावरकर वार्ड में 5 साल पूर्व पानी निकासी के लिए नाली का निर्माण किया गया था, निगम के नये ठेकेदार तुषार देवांगन ने सब इंजीनियर और निगम के अधिकारियो से मिलीभगत कर एक ही नाली की दोबारा बिल लगाकर लगभग 15 लाख रू. आहरण करने की कोशिश की, लेकिन पार्षद के सुझबूझ से मामला उजागर हुआ और अब फिर से वही जगह बिना टेंडर के बिना सेक्शन के निजी भूमि में नाली का निर्माण कराकर मामले की लीपापोती करने में निगम सरकार लगी हुई है।