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अंतर्राष्ट्रीय उम्दा कलाकार दीपक विराट जिन्होंने रंगमंच पर बनाई अपनी खास जगह आज हुए लाचार

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Aug 1, 2018

देवांगन शशि : कुछ दिनों बाद संगीत नाटक अकादमी से नवाजे जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय उम्दा कलाकार दीपक विराट को अपने इलाज में खर्च होने वाले रकम को निकालने बैंक में रकम तो नहीं मिली बल्कि जलील होना पड़ा, यह वही उम्दा कलाकार है जिन्होंने रंगमंच में अपने कलाकारी की अमिट छाप छोड़ी आज बीमारी के जद में ठीक से बैठ भी नहीं पाते और उन्हें आज बैंक में घंटों खड़ा रहना पड़ा इसके बाद भी उन्हें रकम नहीं मिली उनके पुत्र के अनुसार उन्हें विकलांगता और मानसिकता दुरुस्त होने का प्रमाण मांगा गया। कभी किसी से नाराज न होने वाले कलाकार विराट ने एस पी कार्यालय में अपनी नाराजगी प्रकट की हैं। एएसपी ने कहा है कि हम अंतर्राष्ट्रीय कलाकार तिवारी जी बैंक प्रबंधक से बात करेंगे ताकि दोबारा ऐसा व्यवहार उनके साथ न हो सके। 

42 कलाकारों को मिलेंगे संगीत नाट्यअकादमी पुरस्कार
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध रंगमंच कर्मी एवं प्रख्यात अभिनेता दीपक तिवारी (विराट), गायक एवं लोक संगीतज्ञ राकेश तिवारी, लोक कलाकार हेमन्त वैष्णव, सुप्रसिद्ध ङ्क्षहदुस्तानी शास्त्रीय गायक गुंदेचा बंधु, रंगमंचकर्मी एवं अभिनेत्री हेमा ङ्क्षसह, बांंसुरी वादक राजेंद्र प्रसन्ना एवं जानी-मानी नृत्यांगना रमा वैद्यनाथन सहित 42 कलाकारों को इस वर्ष संगीत नाट्यअकादमी पुरस्कार देने की घोषणा हो चुकी है। 

इम्फाल में हुई बैठक में लिया गया था फैसला
अकादमी की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि अकादमी की जनरल काउंसिल की गत दिनों इम्फाल में हुई बैठक में वर्ष 2017 के लिए इन लोगों को पुरस्कृत करने का फैसला लिया गया। विज्ञप्ति के अनुसार प्रदर्शनकारी कला में संध्या पुरेचा को विशेष योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा जबकि विजय वर्मा को छात्रवृति प्रदान की जाएगी। अकादमी ने वर्ष 2017 में संगीत गतिविधि के क्षेत्र में 12 लोगों, नृत्य के क्षेत्र में नौ लोगों और रंगमंच के क्षेत्र में नौ लोगों को सम्मानित करने का फैसला लिया है। इसके अलावा पारंपरिक/फोल्क/ट्रायल संगीत/नृत्य/रंगमंच और कठपुतली  क्षेत्र से जुड़े 10 लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा। वही कला निष्पादन में योगदान तथा छात्रवृति के लिए दो लोगों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया है। 

कलाकार दीपक विराट और उनका परिवार संकट के दौर से गुजर रहा 
मंच की चकाचैध में जिंदगी की मुफ्लिसी कुछ कम दिखाई दी लेकिन पर्दा गिरा तो अपनों से भी भरोसा उठ गया! अधिकांश कलाकार की जिन्दगी में कुछ ऐसे ही हालात नज़र आते है उम्र के एक पड़ाव में आकर थियेटर से जिन्दगी पीछे छूट जाती है और जीवन में संघर्ष सामने दिखाई देता है। कभी हजारों की भीड़ में आने वाली तालियों की गूंज आज सन्नाटे भरी खामोशियों में गुम हो गई है। कभी थियेटर पर थिरकने वाले पैर आज दो कदम भी नहीं चल सकते। राजनांदगांव के कलाकार दीपक तिवारी के हालात भी कुछ इसी तरह के हैं। अपनी कला से लोगों का दिल जीतने वाले दीपक की धड़कने कुछ अस्पताल की मशीन में गिनी जा रही थी कभी मंच पर धमाल करने वाला दीपक विराट आज उनका परिवार संकट के दौर से गुजर रहा है। 

कलाकार दीपक के इलाज का खर्च निकलना हुआ मुश्किल

दीपक तिवारी छत्तीसगढ़ के ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने प्रख्यात नाट्स सम्राट हबीब तनवीर के साथ देश और विदेश में अपनी कला का लोहा मनवाया है। लेकिन उन्हें आज अपने जीवन से संघर्ष करना पड़ रहा है। राजनांदगांव शहर के ममता नगर क्षेत्र में रहने वाले दीपक तिवारी को कला के क्षेत्र में दीपक विराट की पहचान मिली। दीपक विराट और उनकी पत्नी पूनम विराट ने नाचा को विश्व प्रसिद्ध करने वाले हबीब तनवीर के साथ देश और विदेशों में अपनी कला की जौहर दिखाया। दीपक और पूनम विराट का परिवार एक दशक से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। दीपक तिवारी को वर्ष 2008 में लकवे की शिकायत होने के बाद वे स्टेज से दूर हो गए उनका इलाज का खर्च इतना की घर का गुजरा बमुश्किल चल रहा है। इन दिनों दीपक विराट राजनांदगांव के मेडिकल काॅलेज अस्पताल में अपना ईलाज करा रहे हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। दीपक तिवारी की पत्नी का कहना है कि इलाज का खर्च उठाना मुश्किल हो रहा है।