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कोटाः धान खरीदी पर घाटा सह रह किसान, कम दर पर कोचिंग को नया धान रहे बेच

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Nov 25, 2019

डब्बू ठाकुर - प्रदेश में धान खरीदी से पहले धान का संचय शुरू हो जाता था। समर्थन मूल्य में धान बेचने से कृषक भी उत्साहित होकर लगे रहते थे, परंतु इस बार 1 दिसंबर से धान खरीदी होने पर करीब 15 सौ रुपये से भी कम दर पर कोचिंग को नया धान बेच रहे हैं। सरकार 1 दिसंबर से धान खरीदी करेगी। ऐसे में किसानों की इस मजबूरी का फायदा उठाने व्यापारी और कोचिए सक्रिय हो गए हैं। परेशान कृषकों को त्योहारी सीजन में पैसों की जरूरत होती है। मध्यम व गरीब तबके के किसान जिनके पास खेती किसानी के अलावा आय का कोई जरिया नहीं है, वह अन्य सामान खरीदने पैसे की जुगत में लगे हुए हैं। कहीं दवा लेने के लिए तो कहीं बच्चों के स्कूल की फ़ीस जमा करने के लिए सरकारी रेट से कम रेट में घाटा उठाकर किसान धान बेचने मजबूर हो गए हैं। सरकार जो धान 1 दिसंबर से 25 सौ प्रति क्विंटल में खरीदेगी, उसी धान को मजबूरी में किसान गांव के कोचियों व व्यापारियों को 14 से रुपए से 15 सौ रुपए प्रति क्विंटल बेच रहे हैं।

व्यापारी फसलों का मुनाफा देखकर अपने हिसाब से लगाते हैं दाम

किसानों में इस बात की नाराजगी है कि सरकार खरीदी की तरह रेट मंडी में नहीं मिल पा रहा है क्योंकि मंडी में व्यापारियों का कब्जा होता है और व्यापारी उसके फसलों को मुनाफा देखकर अपने हिसाब से दाम लगाकर खरीदते हैं। गांव के किसान ने बतलाया कि बच्चों के लिए कपड़े ख़रीदने को पैसे नहीं थे तो कोचिए को देना पड़ा। मुश्किल से 15 सौ प्रति क्विंटल में धान बिका। अगर सरकारी धान खरीदना शुरू हो गया होता तो हमें इसी धान की कीमत 25 सौ मिल जाती। कोचिए व्यापारी के माध्यम से किसान मंडी में धान बेचवा रहे हैं।

सरकार द्वारा 1 दिसम्बर से शुरू होगा धान खरीदी

किसानों के खरीदे हुए धान को व्यापारी और को चाहिए मंडी में खपा रहे हैं, जहां ऐसे 15 सौ रुपए क्विंटल से ज्यादा दाम मिल रहा है मंडी पहुंचने के झंझट के बीच ने किसानों ने अपने गांव में ही इन व्यापारियों को अपना धान बेच रहे हैं। घर पहुंच सेवा देते हुए व्यापारी तराजू बाट और बारदाना लेकर किसानों से उनकी उपज खरीद रहे हैं। 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने के कारण किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। धान को कब तक घर में रखेंगे, यह सोचकर किसान घाटा झेल कर कोचिए को तो कहीं व्यापारियों के जरिए बेचने में लगे हुए हैं।