Feb 29, 2020
कोरबाः वन मंडल कोरबा से निलंबित होने के साथ ही बर्खास्तगी की कार्रवाई झेलने वाले वनरक्षक ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। वनरक्षक का कहना है कि षड्यंत्र के तहत दस्तावेजों में कूटनीति रच कर उसे फंसाया गया है। जिसके आधार पर तत्कालीन डीएफओ एस वेंकटाचलम ने उसके खिलाफ कार्रवाई की थी। सीसीएफ से कई बार गुजारिश करने के बाद भी बात नहीं बनी तब उसने इच्छामृत्यु की मांग की।
वन मंडल अधिकारी सहित कुछ कर्मचारियों के ऊपर फंसाने का आरोप
वन मंडल कोरबा में वनरक्षक के रूप में सेवाएं देने वाले सत्यव्रत चांगड़े नामक वन कर्मी ने परिवार समेत कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग की है। वन कर्मी का कहना है कि वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया है यही वजह है कि उसे इच्छा मृत्यु का आदेश दिया जाए। दरअसल सत्यव्रत जांगड़े के खिलाफ तत्कालीन वन मंडल अधिकारी एस वेंकटचलम ने निलंबन के साथ ही बर्खास्तगी की कार्रवाई की थी। सत्यव्रत के खिलाफ आरोप था कि उसने दस्तावेजों में कूट रचनाकर आर्थिक लाभ कमाया है। यही वजह है कि उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गाज गिराई गई। आरोपों को सत्यव्रत ने बेबुनियाद बताया है और तत्कालीन वन मंडल अधिकारी सहित कुछ कर्मचारियों के ऊपर खुद को फंसाए जाने की बात कही है। इस संबंध में उसने कई बार बिलासपुर सीसीएफ को भी पत्र लिखा और उसे बहाल करने की मांग की है लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है यही वजह है कि निलंबित वन कर्मी ने परिवार समेत कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग की ।