Dec 11, 2019
आशीष तिवारी - प्रदेश में लगातार हो रही घटनाओं और राजधानी में मंगलवार को हुए दोहरे हत्याकांड ने प्रदेश की राजनीतिक फिज़ा को गरमा दिया है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कान्फ्रेंस कर प्रदेश की लॉ एंड आर्डर पर सवाल उठाया है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिसे लोग धान के कटोरे के नाम पर जानते हैं। जिस प्रदेश को शांति के गढ़ के रूप में जानते है वह अपराध का गढ़ बनता जा रहा है। टिकरापारा में दो युवतियों की हत्या कर दी गई है। 11 महीनों में कानून व्यवस्था लचर हो गई है। कहीं कोई नियंत्रण नहीं है। आईजी से लेकर थानेदार तक को ताश के पत्तों की तरह फेंटा जा रहा है। किसी को जिम्मेदारी समझ नहीं आ रही। बलात्कार की 891 घटनाएं हुई है।
अकेले राजधानी में 200 घटनाएं
पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अकेले राजधानी में 200 घटनाएं हुई है। 20 फीसदी घटनाएं सिर्फ राजधानी में हो रही है जहां पूरी सरकार बैठी है। वहां ऐसी घटनाएं होना ये राज्य के लिए चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशीली दवाओं का कारोबार शुरू हो गया। कोचिया शुरू हो गए। कोयला-रेत माफियाओं का दखल बढ़ गया है। अब धान माफिया शुरू हो गए हैं। माना इलाके में महिला और बच्चे की हत्या कर जला दिया गया, कोरबा में हंसिया से वार कर हत्या कर दी गई। बलौदाबाजार में दो नाबालिग से गैंगरेप हुआ। पेंड्रा-गौरेला में 16 साल की बच्ची से नशे में धुत्त व्यक्ति दरिंदगी करता है। मरवाही में युवती के साथ दुष्कर्म कोटा है।
छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई
घटनाओं का विवरण देते हुये पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि राजनांदगांव के साल्हेगेरा में युवती का अपहरण कर, चार युवकों द्वारा गैंगरेप कर, उसी के दुप्पटे से गला घोंटकर मार डाला गया। पूर्व मंत्री ने कहा कि पूरा देश हैदराबाद और उन्नाव की घटना का जिक्र कर रहा है, इस बीच छत्तीसगढ़ का हाल बेहाल है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। बहुत सारे आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं करने की वजह से जमानत हो जाती है। थानों में मौत के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसी घटनाओं को लेकर युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय शर्मा, महिला मोर्चा अध्यक्ष पूजा विधानी, अनुराग अग्रवाल की टीम बनाई है। प्रदेश भर की घटनाओं की फैक्ट फाइडिंग रिपोर्ट बनाएंगे। हम सरकार से मांग करते हैं कि राजनीति का काम कांग्रेस संगठन पर छोड़ दे और सरकार में जो लोग बैठे हैं वे लोग सिर्फ सरकार चलाएं। ये घटनाएं सरकार के लिए चुनौती है। यदि सरकार इस पर नियंत्रण नहीं करती है तो हम जनता से मांग करेंगे कि सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे।