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ग्राम पंचायतों को थमाया रिकवरी का नोटिस, पंचायतों में मचा हड़कंप

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May 30, 2019

लोकेश सिन्हा : गरियाबंद के छुरा जनपद क्षेत्र में मनरेगा मद के वसूली की नोटिस से पंचायतों में हड़कंप मचा हुआ है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के वसूली नोटिस से घबराते हुए छुरा विकासखंड के 55 पंचायतों के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक कलेक्टर के पास फरियाद लेकर न्याय की गुहार लगाने पहुंचे हुए थे। सरपंचों ने कलेक्टर से अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि मनरेगा योजना अंतर्गत पंचायतों में विभिन्न कार्य निर्धारित मापदंड में किया गया है, समस्त कार्यों का ग्राम सभा आयोजित कर सामाजिक अंकेक्षण भी किया गया है। जिसमें किसी भी तरह की खानगी नहीं पाया गया है। बताया कि दो वर्षों बाद छुरा विकासखंड के हम सभी सरपंच, सचिवों को मनरेगा मद वसूली का नोटिस थमा दिया गया है।

बताया जा रहा है कि जिले के सभी विकासखंड के गाम पंचायतों को नोटिस दिया गया है। जिले में इस तरह का यह पहला मामला होगा जिसमें इतनी संख्या में ग्राम पंचायतों को रिकबरी का नोटिस थमाया गया हो। इसी मुद्दे को लेकर छुरा विकासखंड के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाने पहुंचे हुए थे। कलेक्टर श्याम धावड़े ने मामले की जानकारी लेकर उचित कार्यवाही करने की बात कही है। जिन पंचायतों को रिकबरी का नोटिस मिला है, वहां के सरपंच, सचिवों ने एक बैठक आहूत कर बुधवार को जिला कलेक्टर श्याम धावड़े के संज्ञान में लाते हुए ज्ञापन सौंपा है और रिकबरी के इस आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

वहीं सरपंचों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सामाजिक अंकेक्षण में नान तकनीकी व्यक्ति को भेज कर रिपोर्ट तैयार कराया जाता है। जबकि सरपंच, सचिवों द्वारा जब भी कार्य कराया जाता है, उस कार्य का सत्यापन इंजीनियर, एसडीओ द्वारा किया जाता है। जबकि यह नोटिस हम सरपंच, सचिवों को तीन साल बाद दिया गया है, जो कि समझ से परे है। इन्होंने मांग की है कि सामाजिक अंकेक्षण तकनीकी मामलों में परिपूर्ण व्यक्ति से कराया जाए ताकि एमबी रिकार्ड के हिसाब से सही कार्य कराया जा सके।