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सैकड़ों की संख्या मे छात्रा पहुंची कलेक्टोरेट, 16 शिक्षकों को निकाल कर नये शिक्षकों की भर्ती का जताया विरोध

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Oct 10, 2018

शशि देवागंन - राजनांदगाव शहर के वर्षो पुरानी डाँ पदुमलाल पुन्ना लाल बख्शी कन्या शाला है जिसमे 22 शिक्षक अपनी सेवा देते आ रहे है और स्कूल की परीक्षा परिणाम भी अच्छी देते आ रहे है जिसके कारण आज स्कूल को 4 तारीक को 1 करोड 86 लाख रूपये खर्च कर प्रदेश के मुखिया डाँ रमन सिंह के हाथो लोकार्पण कर माँडल स्कूल का दर्जा दिया गया है लेकिन जिन 18 शिक्षको ने अपने अलग-अलग विषय छात्रा को पढा कर अच्छी परिणाम देकर माँडल स्कूल की पहचान बनाई है आज उन सभी शिक्षको को उस माँडल स्कूल से बेदखल कर जिले के अलग-अलग स्कूलो मे नियुक्ति देकर नये शिक्षा विभाग ने 18 शिक्षको की भर्ती माँडल स्कूल डॉ पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी मे की गई।

छात्रों को हो रही दिक्कत

जिसके कारण अध्ययनरत कर रहे लगभग 500 से अधिक छात्राओ को पढने और उन विषयो समझने मे काफी तकलीफ का सामना करना पढ रहा है। छात्रा ने बताया की जिन पहले शिक्षको ने पढ़ाया और वर्क, प्रेक्टिकल करवाये है उनके पढ़ाके के तरीके से सभी छात्रा अपने आप को ढाल लिया है अचानक बोर्ड परीक्षा के 3 माह पहले पुराने शिक्षको को हटाकर नये शिक्षको की भर्ती करने से छात्रा अभी नये शिक्षको के पढ़ाये जाने के तरीके से अभी अनजान है।

सैकड़ो की संख्या में छात्र पहुंचे कलेक्टोरेट

छात्रा समझ नही पा रहे है जिसके छात्राओ मे डर बना हुआ है की आने वाले समय मे जब तक परीक्षा शुरू होने तक कोर्स पुरा नही होगा और विषय समझ नही आयेगा तो परीक्षा परिणाम बहुत खराब आयेगा और परिक्षा मे पास हो पायेगा की नही जिसके चलते आज सैकडो की संख्या मे स्कूली ड्रेस पहनकर सैकडो की संख्या मे छात्रा कलेक्टोरेट पहुंचकर पुराने शिक्षको को पुन: स्कूल मे लाने की मांग को लेकर अपर कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से मिलकर अपनी बात रखते निवेदन करते हुए ज्ञापन सौपा।

कलेक्टर ने दिया ऐसा जवाब

वहीं इस पूरे मामले को लेकर आये छात्रा से जिला शिक्षा अधिकारी ने बारी-बारी से सवाल करते रहे और स्कूली छात्राओ के आने वाले परिक्षा परिणाम बेहतर बनाने और मॉडल स्कूल मे अपने-अपने विषयो मे महारथी और बोर्ड के परीक्षा पेपर की जाँच करने वाले सभी शिक्षको को लाने का उद्देश मॉडल स्कूल का नाम और जिले के साथ पूरे छत्तीसगढ मे एक अलग पहचान बना सके ऐसे उद्देश से सभी शिक्षको की नियुक्ति किया गया है। वहीं इस पुरी मामले को लेकर अपर कलेक्टर का कहना है की इस पूरे मामले मे एक विचार किया जायेगा ताकि बच्चो की पढ़ाई मे किसी प्रकार की तकलीफ ना हो और आने वाले परीक्षा परिणाम बेहतर आ सके।