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कांकेर जिले के स्कूल में बच्चे आधे पेट भोजन कर भूख मिटाने को मजबूर

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Dec 16, 2018

सुशील सलाम : आदिवासी बहुल कांकेर जिले के अंतिम छोर में बसे ग्राम ओरछा बालक आश्रम अव्यवस्था के बीच संचालित हो रही है जहाँ पर निवासरत छोटे छोटे मासूम बच्चो को खाने को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा हैै। बच्चे आधे पेट भोजन कर भूख मिटाने को मजबूर है। वहीँ आश्रम में निवासरत बच्चों के पालक अपने बच्चों को अधीक्षक के भरोसे आश्रम में छोड़कर चले गए है लेकिन आश्रम अधीक्षक ही लापरवाह आश्रम से रात्रि में नादारत रहते है इससे बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे है।

वहीँ दो रसोईयों की भी नियुक्ति की गई है ताकि बच्चो को सुबह शाम खाने के लिए नास्ता खाना समय पर मिल सके लेकिन यहाँ तो बच्चो को समय पर खाना ना ही नास्ता मिल रहा है और खाना भी मिल रहा है तो वह भरपेट नहीं। बालक आश्रम ओरछा में कुल 58 बच्चो की उपस्थिति दर्ज हैं और शासन के द्वारा प्रत्येक बच्चे के पीछे महीने में 800 रूपये खर्च करना है जोकि अधीक्षक के खाते में जमा कर दिया जाता हैं लेकिन मिडिया की टीम आश्रम में पहुंचे तो बच्चों को भोजन परोसा जा रहा था और बच्चों की लम्बी कतार लगी हुई थी और बच्चे एक एक करके भोजन ले रहे थे और बीच में ही भोजन काम पड़ गया। तब परोसे गए बच्चों की थाली से थोडा थोडा भोजन निकालकर बाकी बचे बच्चों को दिया गया है। 

वहीँ भोजन काम पड़ने के सम्बन्ध में रसोइया से पूछे जाने पर उन्होंने कहा की आज आश्रम और स्कूल के बच्चों का एक साथ भोजन पकाया गया है इसी लिए कम पड़ा है | और अधीक्षक के सम्बन्ध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अधीक्षक कहीं गया हुआ है और रात्रि में वह आश्रम छोड़ कर इरपनार में ऐशो आराम से रहते है और बच्चे ओरछा बालक आश्रम में रात भर एक दूसरे के सहारे रात गुजरते हैं।