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जशपुरः सरकार बदल गई लेकिन नहीं बदली जशपुर की तस्वीर

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Aug 12, 2019

योगेश यादव- सरकार आती हैं, जाती हैं। कहते हैं परिवर्तन संसार का नियम है। इसके अपवाद स्वरूप लेकिन कुछ ऐसे भी स्थान हैं जहां कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है। सरकार बदल गई लेकिन जशपुर की तस्वीर ऐज भी जैसे की वैसी है। आज भी जशपुर के युवा दीये की रौशनी में अपना भविष्य चमकाने में लगे हैं। आखिर इन युवाओं को कब मिलेगा डिबरी युग से छुटकारा।
यह है जशपुर जिले के कुरडेग बालक छात्रवास आश्रम। यहाँ लगभग 40 से भी अधिक बच्चे पढ़ते हैं। यहाँ सरकारी भवन नहीं होने से निजी मकान में छात्रवास संचालित हो रहा है। कच्ची दीवार वाले खपरेल के मकान में रह कर बच्चे पढने को मजबूर हैं। वहीं इस मकान में दिन में भी डिबरी जलाकर रहना पड़ता है। बच्चों की माने तो लाईट कभी-कभी आती है लेकिन ज्यादातर गुल रहती है या लो वोल्टेज रहता है। यहाँ बरसात में काफी दिक्कत होती है। पीने और नहाने के पानी के लिए भी बाहर जाना पड़ता है।

ग्रामीण लगा रहे अधीक्षक पर लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि इस आश्रम में कोई सुविधा नहीं है। बच्चे अँधेरे में रहते हैं, पीने के पानी के लिए भी बहार से बच्चों को इन्तजाम करना पड़ता है। नहाने के लिए बच्चे तालाब में जाते हैं। अधीक्षक भी यहाँ नहीं रहता है। अगर अधीक्षक आता भी है तो शराब के नशे में आता है। सरपंच का कहना है कि होस्टल अधीक्षक की लापरवाही के कारण बच्चे अँधेरे में रह रहे हैं। होस्टल का हेंडपम्प ख़राब है लेकिन फिर भी अधीक्षक ध्यान नहीं दे रहा है। बच्चे दिन भर इधर-उधर घूमते रहते हैं। वहीं आश्रम अधीक्षक का कहना है कि अभी बरसात का मौसम है इसीलिए आश्रम के अन्दर अंधेरा है। पानी के लिए बोर ख़राब था, अभी सुधार दिया गया है। लाईट नहीं रहने पर बच्चे दीये की रौशनी में पढाई करते हैं।