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शिक्षाकर्मी वर्ग तीन वेतन विसंगति, क्रमोन्नत, वेतनमान जैसे मुद्दों को लेकर बैठक

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Sep 7, 2018

अभिषेक सेमर - शिक्षाकर्मियों के बीच आपसी खींचतान और राजनीति हमेशा से हावी रहा है। और संविलियन के बाद भी लगातार जारी है। अब राजनीति शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की वेतन विसंगति, क्रमोन्नत वेतनमान, बर्ष बंधन मुक्त सबका संविलियन मुद्दों को लेकर हो रही है। आज तखतपुर में शिक्षाकर्मियों और संविलियन पश्चात शिक्षक संवर्ग एलबी की बैठक हुई। जिसमें  रायपुर से शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे विशेष रूप से आमंत्रित किये गए थे।

विजय जाटवर को विकासखंड अध्यक्ष चुना गया है

आज की मीटिंग का प्रमुख उद्देश्य  वर्ग 3 की वेतन विसंगति और वर्ष बंधन मुक्त संविलियन के लिए संघर्ष करने के लिए मजबूत  संगठन  के साथ जुड़ना था। जिसमे सर्व सम्मति से सभी ने शालेय शिक्षकर्मी संघ के साथ मिलकर काम करने की सहमति दी। साथ ही वीरेंद्र दुबे ने शिक्षकर्मी संघ के पूर्व विकासखंड अध्यक्ष  दिनेश राजपूत को जिला अध्यक्ष और विजय जाटवर को विकासखंड अध्यक्ष चुना। इस अवसर पर वीरेंद्र दुबे ने कहा कि मैं जमीनी स्तर पर काम करके आगे आया हूँ। जनता हूँ सब की समस्या और पीड़ा। मैने संविदा शिक्षाकर्मी के समय से अपने संगठन में काम शुरू किया और शिक्षकर्मी के साथ उजड़े हुए संविदा शब्द को मात्र दो वर्ष में हटवाया।

अन्तिम सप्ताह में  महासम्मेलन आयोजित

कैसे अपनी मांगों को रखना है, कहां रखना है, यह बात में अच्छी तरह जानता हूं आंदोलन के समय भी हमने वर्ग 3 की वेतन विसंगति की बात प्रमुखता और पुरे साक्ष्य के साथ रखा था। लेकिन सरकार ने नही सुनी। हमारा संविलियन भी मुख्यमन्त्री द्वारा अमित शाह   को विश्वास में लेकर  लिया गया एक तरफ़ा निर्णय है यदि  कैबिनेट से चर्चा कर करने की सोचते तो संविलियन नही हुआ होता। आपके साथ से संगठन और मजबूत हो जाएगा और हमारी शक्ति भी बढ़ जाएगी जिससे हम वर्ग 3 की मांगों सहित अन्य मांग भी पुर जोर के साथ रखेंगे। सितंबर के अन्तिम सप्ताह में  महासम्मेलन आयोजित करेंगे जिसमे सारी मांगे रखेंगे।

दिनेश राजपूत ने यह कहा

दिनेश राजपूत ने कहा कि मैं अपने पूर्व संगठन। के प्रांत अध्यक्ष  संजय शर्मा की बहुत इज्जत करता हूँ लेकिन  जहां मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले साथियों के हितों की बात आएगी तो मैं  किसी के भी विरुद्ध खड़ा हो जाऊंगा। मैने वर्ग 3 के जायज मांगो का समर्थन किया तो मुझसे त्याग पत्र देने कहा गया। मैने अपने साथियों का साथ देना उचित समझा और त्याग पत्र दे दिया।अब हम वीरेंद्र दुबे जी के साथ मिलकर काम करेंगे। मैने  पिछले 15 दिनों में विचार किया तो मुझे दुबे जी की कार्य शैली अनुकूल लगा साथ ही उनमें संघर्ष करने की क्षमता भी है।मैं दुबे जी से कहना चाहूंगा कि आपका नियम और शर्त यदि मेरे साथियों के हितों के बीच आयग तो में अपने साथियों के साथ ही खड़ा नजर आऊंगा। आपने मुझे जिले की जवाबदारी सौंपी है तो उसे पुरी क्षमता के साथ निभाने की कोशिश  करूंगा।  

वर्ग 3 की संख्या 1लाख से ऊपर

शिक्षक पनचायत ननि के पदाधिकारियों की हठधर्मिता और वर्ग 3 की उपेक्षा ने शालेय शिक्षाकर्मी संघ को अपने विस्तार का बड़ा अवसर दे दिया है। अब  शिक्षकर्मी संघ के पदाधिकारियों को विचार करना होगा कि बहुसंख्यक शिक्षाकर्मी के हितों की उपेक्षा कर कही बड़ी गलती तो नही कर डाली। बता दें कि 180000 शिक्षाकर्मियों में वर्ग 3 की संख्या 1लाख से भी ऊपर थी।अभी भी सहायक शिक्षक एलबी की संख्या 1 लाख के ऊपर  है। इनकी नाराजगी न केवल शिक्षकर्मी संगठनों को महंगा पड़ सकता है वरन भाजपा सरकार के लिए भी रास्ते का रोड़ा बन सकता है।