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महासमुंदः चार दर्जन से ज्यादा सड़कें प्रशासन की लापरवाही की चढ़ी भेंट

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Jul 6, 2019

रेखराज साहू- मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत महासमुंद जिले में बनाई गई चार दर्जन से ज्यादा सड़कें आज प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ गई हैं। तीन दर्जन के आसपास सड़के खराब हो चुकी हैं। सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं और डामर उखड गया है। जिससे ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। जहां ग्रामीण सड़कों की खस्ता हालत की शिकायत उच्च अधिकारियों को करके थक चुके हैं, वहीं आला अधिकारी शासन स्तर का मामला बताते हुये अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।

बदहाल सड़कों में जगह-जगह हैं गड्ढे और उखड़ी हुईं हैं सड़कें

महासमुंद जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत वर्ष 2011-12 में हुई। तब से लेकर आज तक जिले में 68 सड़के स्वीकृत हुई। जिनमें से दो सड़कें किन्हीं कारणों से निरस्त हो गईं। 66 सड़कों में से 53 सडकें लगभग 166 किमी की करोडों की लागत से बन कर तैयार हो चुकी हैं। 13 सड़कों का काम प्रगति पर है, जो 2020 तक बन कर पूर्ण हो जायेगा। विडंबना यह है कि 53 सड़कों में से 33 सड़कें तीन साल की मियाद पूरी कर चुकी है और सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं। डामर सड़क से उखड़ गये हैं। जिसके कारण ग्रामीणों को आने जाने में कठिनाई हो रही है। इन्ही मुख्यमंत्री सड़कों में से एक है खट्टी जीवतरा मार्ग। जिसकी लम्बाई ढाई किमी है। जिसका निर्माण 2014 में 117 लाख रूपयों से किया गया, जो वर्तमान में गड्ढों में तब्दील हो चुका है। ग्रामीणों को आने जाने में बहुत तकलीफ हो रही है। ग्रामीण इसकी शिकायत कर के थक चुके हैं परन्तु इनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़कों की लाइफ तीन साल तक के लिए होती है। उसके बाद विभाग को प्रकरण तैयार कर शासन को भेजना होता है। ताकि शासन से स्वीकृति मिलने के बाद उस रोड पर दुबारा काम हो सके, पर तीन-तीन साल बाद भी शासन के संज्ञान में नहीं लाया जाना, कई सवालों को जन्म देता है।