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नगर निगम में हुई समान्य सभा, विपक्षी पार्टीयों ने मूलभूत सुविधाओ को लेकर किया जमकर हंगामा

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Oct 2, 2018

शशि देवागंन : राजनांदगांव के नगर निगम सामान्य सभा की बैठक आज सामान्य नजर नहीं आई। पूरी बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई और सभी विषय पास चंद ही मिनटों में पास हो गए। नगर निगम के विपक्षी पार्षद साइकिल वितरण में मनमानी का आरोप लगाकर हंगामा कर रहे थे और चर्चा में शामिल नहीं हुए सभापति शिव वर्मा ने नगर निगम एक्ट धारा 36 का उपयोग कर सभी विपक्षी पार्षद को सदन से निलंबित कर दिया। 

नगर निगम के टाउन हॉल में आहूत सामान्य सभा की बैठक विपक्षी पार्षदों के हंगामे की भेंट चढ़कर असामान्य हो गई और बीच में ही सामान्य सभा की बैठक सभी विषय पास हो गए और सभा समाप्त करनी पड़ी। नगर निगम के विपक्षी कांग्रेस पार्षद साइकिल वितरण सहित अन्य मामलों में सत्ता पक्ष को घेरने का प्रयास कर रहे थे। सोमवार को आहूत सामान्य सभा की बैठक में सभापति ने सात विषय को सदन के पटल में चर्चा के लिए रखा था। 

जैसे ही सदन में विषय का पठन शुरू हुआ, विपक्षी पार्षदों ने बस स्टैंड के लोकार्पण समारोह के निमंत्रण पत्र को लेकर हंगामा शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी की। विपक्ष ने आरोप लगाया कि निमंत्रण कार्ड में विपक्षी पार्षदों के नाम को तवज्जो नहीं दिया गया। सभापति के आदेश पर दोबारा सदन की कार्रवाई शुरू की गई। नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक में केसर नगर चैक का नामकरण, गांधी सभागृह का किराया निर्धारण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन का निपटारा, नगर निगम द्वारा निर्माण किए गए दुकानों का आवंटन एवं किरायादार प्रीमियम का निर्धारण सहित सात विषय को सदन पटल पर चर्चा के लिए रखा गया था। प्रश्नकाल के दौरान साइकिल वितरण में मनमानी का आरोप लगाते हुए विपक्षी पार्षदों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया और चर्चा में शामिल नहीं हो रहे थे। इस पर सभापति ने नगर निगम एक्ट की धारा 36 का प्रयोग करते हुए सभी विपक्षी पार्षदों को सदन से निलंबित कर दिया और निर्विरोध 7 विषय सदन के मौजूदा बहुमत के आधार पर पास भी हो गए। 

विपक्ष ने इस कार्रवाई को लेकर सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तापक्ष प्रश्नों में घिर गई और जवाब नहीं दे पाए यही वजह है कि उन्होंने धारा 36 का प्रयोग किया और कांग्रेसी सहित विपक्षी सदस्यों को सदन से निलंबित किया। बहरहाल जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विषय सदन में चर्चा के लिए रखे जाते हैं, लेकिन जनता की जरूरत और उनके लिए बनाई जा रही योजना राजनीतिक रंग में भेंट चढ़ जाती है। यही वजह है कि आज महत्वपूर्ण विषयों में चर्चा नहीं हो पाई और सारे विषय पास हो गए।