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भाजी खाकर भूख मिटा रही लाचार मां-बेटी, सरकारी योजनाओं से हुई वंचित

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Oct 2, 2018

राजेन्द्र तरवरे : प्रदेश के मुखिया सहित भाजपा पार्टी के लोग केन्द्र एवं प्रदेश की सत्ता में काबीज भाजपा सरकार एक ओर जहां अपने-आप को गरीबों की सरकार बताते फिरते हैं लेकिन इसकी हकीकत सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड में देखने को मिली जहां भाजपा के विधायक यह कहते हुए अपने हाथ से अपनी पीठ थपथपाते हुए नहीं थकते कि  उन्होंने 10 सालो में बरघाट क्षेत्र में कई विकास कार्य किये है। उनके विधायक रहते लोगो को मूलभूत सुविधाएं मिली है।

बता दें कि धरातल में सच्चाई कुछ और ही है, बरघाट विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत धपारा में एक 42 वर्षीय महिला अपनी 24 वर्षीय दिव्यांग बेटी को लेकर एक झोपड़े में अकेली रहती है जिन्हें ना तो शासन की किसी योजना का लाभ मिला और ना ही प्रशासनिक मदद जिसके चलते माँ बेटी की खरपतवार में उगी नोनिया की भाजी खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। 

जिले के बरघाट विधानसभा के ग्राम पंचायत धपारा में एक छोटे से झोपड़े में रह रही श्रीमती उर्मिला गोनेकर और उसकी 24 वर्षीय पुत्री मीनाक्षी झोपड़े के पास खरपतवार में ऊंगी नोनिया की भाजी खाकर भूख मिटाने के लिए मजबूर है। इनके घर में अनाज का एक दाना भी नहीं है। सरकारी योजनाओ का लाभ भी मां और उसकी दिव्यांग बेटी को नहीं मिला है। महिला मजदूरी कर अपना परिवार पालती थी कक्षा 9 वीं तक मीनाक्षी ठीक थी लेकिन अचानक वह बीमार हो गई आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण उसका इलाज नहीं हो पाया और धीरे धीरे उसके कमर के हिस्से ने काम करना बन्द कर दिया तब से अपनी बेटी की देखबाल करने के चलते उसकी माँ ने मजदूरी करना बन्द कर दिया जिसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति बद से बद्तर हो गई  हाल यह है की जीवित रहने के लिए उन्हें खरपतवार के साथ उगने वाली नोनिया की भाजी खाकर जीवन बचाना पड़ रहा है।

सरकार द्वारा एक ओर तो जहां गरीबों के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है जिसमें रहने के लिए आवास से लेकर खाने तक के लिए 1 रूपये प्रति किलो अनाज दिया जा रहा है किन्तु यहां इन लाचार माँ बेटी के पास न तो राशन कार्ड ,वोटर आई से लेकर कोई भी दस्तावेज इनके पास नहीं है। कागजी दस्तावेज बनवाने के लिए इनके पास न तो कोई जनप्रतिनिधि पहुंचा और न ही ग्राम पंचायत स्तर के सचिव व रोजगार सहायक ने इनके लिए दस्तावेज बनावाने की जहमत उठाई, जिसके चलते इन्हें शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।