Mar 12, 2018
रायपुर। पद्मा श्री पुनाराम निषाद के पुत्र ने संस्कृति विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अधिकारी भेदभाव कर रहे हैं,और उन्हें जो आर्थिक मदद मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिल पा रही है।
आर्थिक मदद देने की कही थी बात...
दरअसल रायपुर में आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की पद्मा श्री पुनाराम निषाद के मृत्यु के उपरांत मट एवं प्रतिमा स्थापना के लिए मुख्यमंत्री द्वारा पच्चीस हजार रूपए आर्थिक मदद देने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक वह मदद नहीं मिला पाई है, इसके साथ ही बताया गया की जब-जब शिकायत की है, तब तब अधिकारी उनसे दूरी बना लिया करते हैं, और कोई जवाब भी नहीं मिलता है।
उनका आरोप है कि संस्कृति विभाग द्वारा कार्यक्रम में भेद भाव किया जाता है, जिसके करण अब पुनाराम निषाद की परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
स्व.पुनाराम निषाद के बारे में...
बता दें कि स्व.पुनाराम निषाद छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने पंडवानी की वेदमती शैली को बड़े फलक पर पहचान दी। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही वे देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा विदेशों में भी इसकी प्रस्तुतियां दे चुके थे। दुर्ग जिला स्थित रिंगनी गांव के निवासी स्व. निषाद अपने पीछे एक भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं, जो अब बदहाली के हालत पर खड़े हैं।
करेंगे धरना प्रदर्शन...
वहीं लोक गायिका रामदत्त जोशी ने कहा है, कि संस्कृति विभाग कलाकारों के साथ ऐसा ही भेद भाव करते रहेंगे तो आने वाले समय में हम चुप नहीं बैठेंगे और जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतर कर अपनी मागों को धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाएंगे।