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पीएचई विभाग गरियाबंद की सैंपल रिपोर्ट जारी, अधिकारियों के उड़े होश

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Jun 12, 2018

गरियाबंद पीएचई विभाग की एक सैंपल रिपोर्ट से जिला प्रशासन में हडकंप मच गया है, विभाग ने देवभोग विकासखंड के 64 स्कूलों में लगे हैंडपंपो के पानी के सैंपल की रिपोर्ट पेश की है, 30 स्कूलों में फ्लोराईड और 8 स्कूलों में आयरन की मात्रा ज्यादा पायी गयी है, यानि कि आधे से ज्यादा स्कूलों में लगे हैंडपंपों का पानी पीने लायक नही है रिपोर्ट सामने आने के बाद व्यवस्था बनाने में जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गये है।

पीएचई विभाग ने जिन 53 प्राथमिक 9 माध्यमिक और एक हायर सकेंडरी स्कूल की रिपोर्ट जारी की है उसमें सबसे ज्यादा फ्लोराईड 5.10 mg/1 पुरानापानी प्राथमिक शाला में पाया गया है वहीं सबसे ज्यादा आयरन की मात्रा जामगांव माध्यमिक शाला के पानी में मिली है, अधिकारियों का दावा है कि यह पानी पीना शरीर के लिए ठीक नही है, ईलाके के ग्रामीण पीएचई विभाग के कामकाज से खुश नही है, ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पहले से ही मालूम है कि उनके गांव का पानी ठीक नही है, वे विभाग से लगातार शुद्ध पेयजल की मांग कर रहे है, मगर विभाग उनकी बात को हमेशा दरकिनार करता रहा है।

जिन स्कूलों के पानी की रिपोर्ट पीएचई विभाग ने जारी की है यदि उन स्कूलों में पढने वाले बच्चों के स्वास्थ्य की बात जाये तो एक चौथाई बच्चों के दांत खराब हो गये है, वही
अधिकांश बच्चों की हड्डियां भी कमजोर नजर आ रही है, जिन 38 स्कूलों की रिपोर्ट सामने आय़ी है उन सभी गॉव में लगे हैंडपंपो का पानी भी पीने लायक नही है, ग्रामीणों की माने तो खाना बनाने के लिए वे एक जमाने से नदी के पानी का उपयोग करते आ रहे है, हालांकि स्कूलो में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने के लिए शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूलों में आरो लगाने की
बात कही है।

शिक्षा विभाग की मांग पर पीएचई विभाग ने 6 महीने बाद देवभोग विकासखंड के 217 स्कूलों में केवल 64 स्कूलों की रिपोर्ट पेश की है, बाकि स्कूलों की रिपोर्ट कब तक आयेगी और क्या विकासखंड के सभी गॉवों में लगे हैंडपंपो के पानी की भी विभाग जांच करेगा फिलहाल विभाग के पास इसका कोई जबाव नही है।