Loading...
अभी-अभी:

छात्राओं को सेनेटरी नेपकीन नहीं हुए उपलब्ध, रॉ मटेरियल न होने से योजना ठप्प

image

Mar 8, 2018

रायगढ़ जिले में छात्राओं को स्कूलों में सेनेटरी नेपकीन उपलब्ध करवाने हेतु शासन ने योजना तो बना दी लेकिन इसकी मानीटरिंग नहीं हो पाई। आलम ये है कि जिले में लगी 52 सेनेटरी नेपकीन वेंडिंग मशीनों में से महज 10 फीसदी ही इस्तेमाल में आ रही हैं। कहीं मशीनें खराब हैं तो कहीं रॉ मटेरियल न मिलने की वजह से इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। दरें कम होने की वजह से सप्लाई करने वाली एजेंसी भी नेपकीन्स की सप्लाई में दिलचस्पी नहीं ले रही है।  

बता दें कि बेटी बचाओ अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में छात्राओं को वेंडिंग मशीन के जरिए सेनेटरी नेपकीन देने की योजना बनाई गई थी। योजना के तहत जिले के 56 स्कूल व हॉस्टल्स का चयन किया गया था जिसमें सेनेटरी वेंडिंग मशीन लगाई गई थी पहले चरण में 21 स्कूलों में तथा 35 आदिवासी छात्रावासों में सीएसआर मद से मशीनें लगाई गई थी। 

योजना के तहत 2 रुपए में नेपकीन उपलब्ध कराना था। शुरुआती दौर में तो मशीनें काम करती रही लेकिन बाद में फंड की कमी की वजह से स्कूलों व छात्रावासों ने इसका इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया। बताया जाता है कि नेपकीन की लागत तकरीबन 5 रुपए 10 पैसे है जबकि स्कूलों में 2 रुपए प्रति नेपकीन की दरें ही स्वीकृत हैं। ऐसे में समूह 5 रुपए से कम की लागत पर नेपकीन विक्रय को तैयार नहीं हो रहे। नतीजतन योजना ​का क्रियान्वयन ही नही हो रहा है। 

शहर के नटवर स्कूल में जहां मशीन बंद पडी है तो वहीं पुत्री शाला में पहले तो छात्राओं को बाहर से नेपकीन उपलब्ध कराई गई लेकिन फिर अब यहां भी फंड की कमी है। इधर मामले में स्कूली शिक्षकाओं ने बताया कि कुछ जगहों को छोडकर बाकी स्कूलों में मशीनें काम कर रही हैं। जहां दिक्कतें हैं वहां रॉ मटेरियल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर का ये भी कहना है कि आने वाले समय में महिला समूहों को नेपकीन निर्माण की ट्रेनिंग देकर उनसे रॉ मटेरियल तैयार किया जाएगा, जिससे सप्लाई में दिक्कतें न हो।