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कवर्धाः बढ़ती जा रही है शराबियों की तादाद, कबीरधाम शराब खपत के मामले में प्रदेश में अहम

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Dec 9, 2019

प्रदीप गुप्ता - कबीरधाम जैसे छोटे जिले में शराब खपत के मामले में प्रदेश में अहम स्थान रखने लगा है। एक ओर जहां नशामुक्ति व जन जागरूकता जैसे अभियान चलाये जा रहे हैं, वहीं जिले में लगातार शराब की खपत बढती जा रही है। ऐसे में ये अभियान कोरी कल्पना ही नजर आ रही है। अप्रैल 2019 से अक्टूबर माह में ही जिले के मदिरा प्रेमी एक अरब से ज्यादा की शराब पी चुके है, जबकि वित्त वर्ष पूरा होने में पांच माह बाकी है। वहीं इस साल नगर पालिका चुनाव व पंचायत चुनाव भी होना है, जहां शराब की खपत दोगुनी से ज्यादा होने की आशंका है। ऐसे में शराब बंदी व जागरूकता जैसे अभियान की पोल खुल कर सामने आ चुकी है। इस साल जितनी खपत हुई है, वह विगत साल की अपेक्षा 16 प्रतिशत अधिक है। यानी की वर्ष 2018 की अपेक्षा इस साल शराब प्रेमियों की संख्या भी बढ़ चुकी है।

पिछले वर्ष के मुकाबले में इस वर्ष शराबियों की संख्या में 16 प्रतिशत तक की वृद्धि

जिले में लगातार शराब प्रेमियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, ऐसे में स्वास्थ्य समाज की कल्पना करना बेईमानी होगी। साल दर साल कबीरधाम जैसे जिले में शराबियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2018 की अपेक्षा वर्ष 2019 में शराब की खपत 16 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। शासकीय आंकडों पर नजर डाले तो पता चलता है कि अप्रैल माह से अक्टूबर तक 103 करोड की शराब जिले में मदिरा प्रेमियों ने गटक ली है, इनमें 80 करोड 12 की देशी शराब, 16 करोड 18 लाख की अंग्रेजी व 6 करोड 70 की बियर मदिरा प्रेमियों ने गटक ली है। जो कि पिछले साल की अपेक्षा 16 प्रतिशत अधिक है। यह जो आंकडे हैं वह शासकीय हैं। इनमें कोचियों द्वारा खपाये जा रहे आंकड़े इससे कहीं ज्यादा होंगे। जिले में पांच शराब दुकानबंद होने के बाद भी जिले में शराब की खपत बढ़ना जिलेवासियों के लिए चिंता की बात है। नशा की प्रवृत्ति युवाओं में तेजी से बढ रही है जो कि अपराध का प्रमुख कारण है। एक ओर शासन नशामुक्ति व जन जागरूकता अभियान चला रही है लेकिन जिस प्रकार से साल दर साल जिले में शराब की खपत बढ़ती जा रही है, उससे कहीं भी नहीं लगता कि शासन की अभियान का असर जिले में कहीं नजर आ रहा है।