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कोरियाः पुलिस विभाग में वाहन शाखा में लगभग 20 लाख के घोटाले का मामला

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Oct 22, 2019

दिनेश कुमार द्विवेदी - कोरिया जिले के पुलिस विभाग में वाहन शाखा में लगभग 20 लाख के घोटाले का मामला सामने आया है। वाहन शाखा में पदस्थ आरक्षक चालक रमेश साहू के नाम से वरिष्ठ कार्यालय पुलिस मुख्यालय रायपुर डीजीपी के यहां से जांच करने का आदेश आया है। जिसकी जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरिया पंकज शुक्ला कर रहे हैं। आपको बता दें, गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच शुरु कर दी गयी है। वाहन शाखा में पुलिस विभाग की सभी छोटी बड़ी गाड़ियों को फ्यूल देने का रिकार्ड वाहन शाखा में मेंटेन किया जाता है। जिसमे कई वर्षों से छुटपुट शिकायत होती रहती थी, लेकिन अब जो नया मामला आया सुनकर आप चौक जायेंगे। वाहन शाखा में पदस्थ आरक्षक चालक रमेश साहू के नाम 20 लाख के गड़बड़ी की जांच चल रही है।

खड़ी गाड़ियों के नाम से भी डीजल पर्ची कटी

बताया जा रहा है कि सरकारी वाहन में खड़ी गाड़ियों के नाम से भी डीजल पर्ची काटकर उपयोग किया गया है। सरकारी वाहन के मरम्मत में भी ग़लत बिल लगाया गया। विधानसभा 2018 व लोकसभा 2019 में सरकारी व अधिग्रहित वाहन में भी गड़बड़ी की गयी है। सबसे बड़ा तब हो गया जब पुलिस विभाग में पानी सप्लाई टेंकर लाइन में पानी पिलाने के बजाय रमेश साहू खुद डीजल पी गये। जबकि उस टैंकर में पानी सप्लाई किसी अन्य चालक ने किया है। ड्राइवर डायरी डीजल डलवाने का काम रमेश साहू ने अपने नाम रिकार्ड मेंटेन किया है।  साथ में जो पुलिस लाइन में खड़ी शासकीय गाड़िया हैं वह भी रिकार्ड में डीजल पी रही हैं। गाडी मिस्ट्री से अधिक बिल बनवाने, फर्जी बिल की बात कही जा रही है।

सभी दस्तावेज मांगाए गये, जांच जारी

एडिशनल एसपी कार्यालय में दिसंबर 2018 से सितंबर 2019 तक डीजल पर्ची सहित पीओएल बिल रजिस्टर लोकसभा विधानसभा में लगने वाले गाड़ी पीएलओ के रजिस्टर टैंकर लाग बुक, मासिक गोस्वारा व अन्य दस्तावेज़ मंगाया गया है, जांच जारी है। जाँचकर्ता एडिशनल एसपी पंकज शुक्ला ने बताया कि कुछ दिन से शिकायत प्राप्त हुई है, जिसमें वाहन शाखा में गड़बड़ी के आरोप लगाये गये हैं। जांच जारी है अभी प्रथम दृष्ट्या कुछ कह पाना मुश्किल है। जांच के बाद विस्तृत तरीके से समीक्षा करेंगे। यह देखना होगा डीजल आबंटन किस तरह से हुआ है। उसका रिकार्ड किस प्रकार मेंटेन हुआ है। कई मौके पर गुमनाम शिकायत परेशान करने के लिए होती है। कई मौके पर अहम खुलासे भी होते हैं। अभी कुछ कह पाना संभव नहीं है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी, वरिष्ठ कार्यालय से जांच के आदेश आये है।