Oct 2, 2025
अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा: बस्तर दशहरा की धूम में जनजातीय विरासत से जुड़ेंगे केंद्रीय गृहमंत्री
सांस्कृतिक उत्सव और सुरक्षा संकल्प का संगम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 3-4 अक्टूबर 2025 का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा न केवल बस्तर दशहरा के ऐतिहासिक उत्सव का हिस्सा बनेगा, बल्कि जनजातीय समुदायों के साथ गहरा जुड़ाव भी स्थापित करेगा। बस्तर के जनजातीय नेताओं के विशेष आमंत्रण पर स्वीकार किया गया यह दौरा, मुरिया दरबार जैसे पारंपरिक आयोजनों के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत करेगा। साथ ही, नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा रणनीति पर उच्चस्तरीय बैठक के जरिए राज्य की शांति को नई दिशा मिलेगी। यह यात्रा छत्तीसगढ़ की समृद्ध जनजातीय परंपराओं और विकास के संकल्प को एक सूत्र में बांधती नजर आएगी, जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।
मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम: रायपुर से जगदलपुर तक का सफर
3 अक्टूबर की शाम 8 बजे रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद अमित शाह होटल मेफेयर के लिए रवाना होंगे, जहां रात्रि विश्राम होगा। 4 अक्टूबर को सुबह 11 बजे जगदलपुर के लिए विशेष उड़ान भरेंगे। दोपहर 12 से 12:30 बजे तक प्राचीन दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे, जहां मां दुर्गा की आराधना के साथ शक्ति की कामना की जाएगी। इसके बाद 12:30 से 1:30 बजे तक बस्तर दशहरा के प्रमुख आकर्षण मुरिया दरबार में भाग लेंगे – यहां जनजातीय मांझी, गायता और परमा जैसे पुजारियों के साथ भोज का सम्मान करेंगे, जो समुदाय की एकता का प्रतीक है। 1:30 से 2:30 बजे तक स्वदेशी मेला (सेवा पखवाड़ा प्रदर्शनी) का उद्घाटन करेंगे, जहां स्थानीय हस्तशिल्प, आदिवासी उत्पादों और पारंपरिक कलाओं की झलक मिलेगी। 3:15 बजे जगदलपुर से रवानगी के साथ दौरा समाप्त होगा।
दौरे का महत्व: जनजातीय संस्कृति और सुरक्षा का संवाद
यह दौरा बस्तर की 75 दिवसीय दशहरा परंपरा को राष्ट्रीय पटल पर लाएगा, जहां अमित शाह जनजातीय नेताओं के साथ भोज कर सामाजिक सद्भाव का संदेश देंगे। साथ ही, सुरक्षा बलों के साथ बैठक में नक्सल उन्मूलन की रणनीति पर चर्चा होगी, जो राज्य के विकास को गति देगी। छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार, यह यात्रा आदिवासी कल्याण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी, युवाओं के लिए नई प्रेरणा बनेगी। कुल मिलाकर, अमित शाह का यह प्रवास सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक साबित होगा।