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अंधविश्वास की बलि चढ़ीं तीन मासूमें: गरियाबंद के धनोरा गांव में चार दिन में एक ही परिवार की तीन बच्चियों की मौत

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Nov 17, 2025

अंधविश्वास की बलि चढ़ीं तीन मासूमें: गरियाबंद के धनोरा गांव में चार दिन में एक ही परिवार की तीन बच्चियों की मौत

लोकेश्वर सिन्हा गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के दूरस्थ आदिवासी गांव धनोरा में अंधविश्वास और चिकित्सा सुविधाओं से दूर रहने की भारी कीमत चुकानी पड़ी। एक ही परिवार की तीन नन्हीं बच्चियाँ चार दिनों के अंदर काल के गाल में समा गईं, क्योंकि परिवार ने बीमारी का इलाज अस्पताल की बजाय झाड़-फूंक में तलाशा।

चार दिन, तीन मौतें

पहली बच्ची की मौत 13 नवंबर को हुई। इसके बाद 16 नवंबर को सुबह और शाम को बाकी दो बहनों ने भी दम तोड़ दिया। तीनों की उम्र 2 से 7 साल के बीच बताई जा रही है। बच्चियों में बुखार, उल्टी-दस्त जैसे लक्षण थे, लेकिन परिजनों ने ग्रामीण ओझा-गुणी पर भरोसा किया और अस्पताल नहीं ले गए।

मेडिकल टीम पहुंची तो गांव सूना

मौतों की सूचना मिलते ही अमलीपदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम तुरंत धनोरा पहुंची, लेकिन वहां हैरान करने वाली स्थिति मिली। मृत बच्चियों के माता-पिता और करीबी रिश्तेदार गांव छोड़कर कहीं चले गए थे। घरों में ताले लटक रहे थे। इससे जांच में बाधा आ रही है।

जांच तेज, परिजनों की तलाश जारी

स्वास्थ्य विभाग की टीमें अब परिजनों को खोज रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चियों को वास्तव में क्या बीमारी थी और झाड़-फूंक से हालत कितनी गंभीर हुई। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पूरी घटना की गहन जांच के आदेश दे दिए हैं।

यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर साबित करता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास आज भी कितनी मासूम जानें ले रहा है। समय पर इलाज मिलता तो शायद ये तीन फूल-सी बच्चियाँ आज जिंदा होतीं।

Report By:
Monika