Loading...
अभी-अभी:

कोरबा में आंगनबाड़ी मीटर और विद्युतीकरण तो हुआ लेकिन बिजली नहीं आई....

image

Jul 1, 2019

मनोज यादव : जिले के आंगनबाड़ी केंद्रो के हालत सुधरने के बजाए बिगड़ते जा रहे हैं। केंद्रो में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में विभाग अब तक नाकाम ही साबित हुआ है। जिले में एक हजार से अधिक केंद्रो का संचालन किया जा रहा हैं लेकिन बिजली कुछ ही केंद्रो में पहुंच सही है जबकि ढाई सौ से अधिक केंद्रों के भवन काफी जर्जर हो गए है।

बदहाली की मार झेल रहे आंगनबाड़ी केंद्र
नौनिहालों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ पौष्टिक आहार देने की मंशा से खोले गए आंगनबाड़ी केंद्र बदहाली की मार झेल रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रो को दुरुस्त करने की चाल धीमी होने के कारण बच्चों के साथ ही संचालनकर्ताओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक समस्या बिजली की हैं। जिले में अभी भी अधिकतर केंद्र से बिजली से दूर हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो जिले में 1 हजार 781 आगंनबाड़ी केंद्रो का संचालन किया जा रहा है। जिनमें से 252 केंद्रो के भवन जर्जर हो चुके है। वहीं बात करें बिजली से रौशन होने वाले केंद्रो की तो महज 590 केंद्रों तक ही बिजली पहुचांई जा सकी हैं जिनमें 290 क्रेडा और 300 सीएसईबी के माध्यम से रौशन हो रहे हैं। बाकी के केंद्रो में विद्युत आपूर्ती के लिए अधिकारियों ने शासन को पत्र भेजने की बात कही है।

​जर्जर भवनों के छतों से टपकते पानी के बीच ​कैसे ​पढ़ेंगे बच्चे
बिजली नहीं होने के कारण पूरी गर्मी में बच्चे परेशान होते रहे। ऐसा ही कुछ हाल आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का भी रहा। अब बरसात शुरु हो गई है। ऐसे में जर्जर भवनों के छतों से टपकते पानी के बीच बच्चों को शिक्षा ग्रहण करना पड़ेगा वहीं बिजली के अभाव में जहरीले जीव जंतुओं का भी खतरा बना रहेगा। इस बीच अगर किसी तरह की अनहोनी हो गई तो उसका उसका जिम्मेदार कौन होगा यह एक बड़ा प्रश्न है।