Feb 17, 2019
पंकज सिंह भदौरिया : दन्तेवाड़ा में नक्सल हिंसा पीड़ित युवक दनवार्ड क्रमांक 9 और 10 पर घर बनाकर वर्षभर से रह रहा था। अचानक नगरपालिका ने राजस्व के साथ मिलकर अवैध कब्जेधारियों के नाम पर बने मकानों पर बुलडोजर चलाकर मकान तोड़ दिये। लेकिन तोड़फोड़ की कार्यवाही का कोई नोटिश भी विभाग द्वारा पीड़तों को नही दिया गया। इसी कार्यवाही में नक्सलियों से अपनी जान बचाकर आया हुआ आदिवासी युवक का आशियाना भी शामिल है। जिसे पुलिस विभाग ने नक्सल हिंसा पीड़ित का दर्जा देते हुए गोपनीय सैनिक बनाकर पुलिस मदद के लिए भर्ती किया है। इस कार्यवाही से नक्सल पीड़ितों को मिलने वाली मदद पर भी सवाल खड़े हो रहे है। सुरक्षा की गोपनीयता की वजह से हम पीड़ित का नाम उजागर नही कर रहे है।
दरअसल नगरपालिका ने 6 मकानों पर बिना नोटिस अवैध अतिक्रमण हटाने के नाम पर बुलडोजर चलाया है। मगर इनमें टूटा हुआ मकान जिस गोपनीय सैनिक का है उसे नक्सली 30-7-2016 से 6-8-2016 तक बंधक बनाकर मारते पीटते रहे और डेढ़ लाख रुपये फिरौती की रकम भी ले ली। इसी डर की वजह से पीड़ित गांव छोड़कर दन्तेवाड़ा रहने पहुँचा हुआ था। कार्यवाही को नगरपालिका जायज बता रही है। मगर नक्सल हिंसा पीड़ित को प्रशासन द्वारा जगह मोहिय्या करवाना चाहिए। जो प्रशासन ने किया नही ऊपर से घर और तोड़ दिया।