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जिला प्रबंधक सवालों के घेरे में, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

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Jan 15, 2018

उमरिया। शहडोल संभाग में नागरिक आपूर्ति निगम के सबसे बड़े धान कैप छपड़ौर में 70 ट्रक( 1680 मीट्रिक टन) अमानक धान पाये जाने से हड़कंप मचा हुआ है, मामले का खुलासा धान की गुणवत्ता परखने के लिए सतना से आये स्टेट फ्लाइंग स्काट की टीम के द्वारा धान की जांच करने के बाद सामने आया है, स्टाक की गई धान जिले के अलग अलग धान खरीदी केंद्रों की है। जिसे बगैर जांच के ही कैप में स्टाक करवा लिया गया आरोप है कि इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड निगम के प्रबंधक एम.एस. उपाध्याय है। जो खरीदी केंद्रों के प्रभारियों से साठगांठ करके इस काम को अंजाम तक पहुँचाया गया,मामला सामने आने के बाद किसान कांग्रेस ने आन्दोलन की चेतावनी दी है। हम आपको बता दे कि पूरा मामला धान की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है, जिसमे गफलत की गई और अमानक धान को भी मानक मान लिया गया। हैरानी की बात तो यह है, कि इस पूरे खेल में कागजो में क्वालटी इंस्पेक्टर भी बनाये गये। लेकिन उन्हें धान को परखने का मौका देने की बजाय बगैर किसी जांच के ही धान को स्टाक करवा दिया गया, हैरानी की बात तो यह है कि जिम्मेदार प्रबन्धक पूरे मामले में बचकाना बयान देते हुए अपने वरिष्ठ अधिकारियो की कार्यवाही पर ही सवाल खड़े कर दिए यह अलग बात है कि मामला सामने आने के बाद जिले के कलेक्टर जांच की बात करते हुए नियमानुसार कार्यवाही का भरोसा दे रहे है। खासबात यह है कि बीते साल जुलाई में ही मिलरों से घटिया चावल लेने के माम्रले में प्रबंधक सुर्खियों में आये थे। और गाज तीन छोटे कर्मचारियो पर गिरी थी देखना होगा कमीशनखोरी की बदौलत पहले तो किसानों के नाम पर व्यापारियों से घटिया धान को ऊंचे दामो पर खरीदने और बाद में उसी धान को मिलिंग करवा कर मिलरों के जरिय घटिया चावल गरीबो को बांटने में माहिर नान के प्रबंधक जांच के घेरे में आ पाते है, या फिर जांच छोटे कर्मचारियों को ही घेरकर शांत हो जाती है।