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लोग मना रहे थे दीवाली की खुशी, बेटी मांग रही थी मां के  जान की भीख

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Oct 20, 2017

अनूपपुर : जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र में इन दिनों हत्या की वारदात लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसा ही एक और वारदात बिजुरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत नन्दगांव में हुई। एएनएम के पद पर पदस्त स्वास्थ्य महिला कर्मचारी पुष्पा केरकेट्टा की हत्या गुरुवार दापावली के दिन शाम को हुई।

शाम को लगभग 7 बजे सिरफिरे आशिक ने महिला पर कुल्हाड़ी से हमला कर गर्दन और अन्य जगहों पर वार कर मार दिया। मृतका की बेटी पड़ोसियों से मदद की गुहार मांगने को भागी, लेकिन जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक सिरफिरे आशिक ने मां को मौत के घाट उतार दिया था।

सिरफिरा आशिक गुलाम फरीद उर्फ शालू  मृतका की बेटी को राह चलते आये दिन छेड़छाड़ कर परेशान करता था। जिससे तंग आकर नाबालिग बेटी की मां पुष्पा केरकेट्टा ने 23 जून 2017 को आरोपी के विरुद्ध छेड़छाड़ करने की रिपोर्ट बिजुरी थाने में दर्ज कराई थी।

बिजुरी पुलिस ने 354 सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला कायम कर आरोपी को जेल भेज दिया था, लेकिन गुलाम फरीद उर्फ शालू जेल से छूटकर  तीन दिन पहले ही बिजुरी आया था। बदले की चाह में घटना को अंजाम देने का दिन भी चुन रखा था। जब पटाखों का शोर शराबा होगा, उस दिन वह नाबालिग बेटी को मौत के घाट उतार देगा।

आरोपी कुल्हाड़ी लेकर मृतका के घर दीपावली के दिन शाम लगभग 7 बजे घर में जा घुसा और बात बहस करने लगा। मां के सामने बेटी को जान से मार देने की धमकी देने लगा। जब सिरफिरे ने मृतका की बेटी पर टंगिये से हमला करना चाहा, तो मां सामने आकर कुल्हाड़ी छुड़ाने की कोशिश करने लगी, लेकिन गुस्से से आग बबूला आशिक ने पुष्पा पर टंगिये से हमला कर दिया।

पड़ोसियों से मदद की गुहार लगाने के लिए मृतका की बेटी  घर से बाहर भागी, तो गुलाम फरीद उर्फ शालू नाबालिग लड़की की ओर दौड़ा, लेकिन जब तक मृतका की नाबालिग बेटी जान बचाने के लिए  कहीं छिप गई थी।

घायल मृतका पुष्पा अपनी बेटी को बचाने के लिए फिर सिरफिरे आशिक के सामने आ गई और आरोपी के हाथ से कुल्हाड़ी छीनने की कोशिश करती रही, लेकिन  सिरफिरा आशिक लड़की को धमकी देता रहा कि बाहर निकल आओ नहीं तो मां को मार दूंगा।

डरी सहमी नाबालिग लड़की जो छिपी हुई थी वह बाहर नहीं आई, तो उसने पुष्पा के गर्दन पर वार कर मौत के घाट उतार दिया। लड़की को नहीं देखा, तो वह हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया।

मां आखिर मां होती है, बेटी को बचाने के लिए उसने अपनी आहूति दे दी, लेकिन कब तक महिलाएं असुरक्षित रहेंगी और मदद की गुहार लगाती रहेगी। पटाखों की गूंज ने एक मां की उम्मीदों को खामोश कर दी।

बेटी के सामने मां को मौत के घाट उतार दिया गया। उस नाबालिग की मानसिक दशा कैसी होगी। पड़ोसी दीपावली की खुशी मनाने में मशगूल थे और जब तक मंजर समझ में आया, तब तक क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया था। आरोपी की तलाश जारी है। पुलिस जांच में जुट गई हैं।