Jan 16, 2018
मुंगावली। मामला मुंगावली के अंतर्गत आने वाले बहादुरपुर पुलिस थाने का है जहां एक बार फिर पुलिस की कार्य प्रणाली पर खडे हुये सवालिया निशान। एक ओर जहां प्रदेश सरकार बेटियों की सुरक्षा के लिये नित नई घोषणायें एवं कानून ला रहीं है। वहीं बहादुरपुर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले बर्री गांव में बलात्कार की पीडित नाबालिक बच्ची को आरोपियों पर बलात्कार का प्रकरण दर्ज कराने के लिये भोपाल सीएम हाउस तक जाना पडा। जब जाकर चार दिन बाद पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध बलात्कर का प्रकरण्ा दर्ज किया है।
इस पूरे घटनाक्रम पर नजर डाली जाये तो 10 जनवरी की शाम को यह पीडिता अपने परिजनों के साथ पुलिस थाने पहुची थी पर पुलिस ने छह घण्टें बाद बलात्कार के अलावा पास्को एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज न करते हुये इसको छेडछाड का प्रकरण दर्ज करके एफआईआर की कॉपी दी थी। जिसके बाद यह पीडित बच्ची परिजनों के साथ सीएम हाउस पहुचीं उसके बाद पुलिस ने रविवार को बलात्कार के अलावा कई अन्य धारायें आरोपी के विरूद्ध बढाई गई है। वहीं इतने दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिस की पकड से दूर है।
थाना प्रभारी ने नही दिखाई गंभीरता
इस पूरे मामले में देखा जाये तो थाना प्रभारी की लापरवाही स्पष्ट दिखाई दे रही है क्योंकि जब पीडिता शाम को ही थाने पहुंच गई तो कडकडाती ठण्ड में इसको खुले आसमान के नीचे रात को 11 बजे तक बैठाया गया उसके अलावा जो धारायें लगाई गई उसमें बलात्कार की धाराये नही लगाई गई। पर यदि इनके द्वारा छेडछाड का मुकदमा भी दर्ज किया गया तो पास्को एक्ट क्यों नही लगाया गया यह इनकी कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में खडा करता है।