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बड़वानी : केले की खेती में किसानों को लाखों रुपए का नुकसान, विदेश जाने वाले केले को नहीं मिल रहा खरीददार

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Sep 27, 2019

सचिन राठौड़ : अंजड सरदार सरोवर बैक वाटर बना किसानों के लिए मुसीबत जो केला कभी ईरान जाता था वह मंडी तक नहीं पहुंच पा रहा है। हम बात कर रहे हैं शेगाव(आवली) ग्राम की, यहां अधिकांश किसानों द्वारा मुख्य रूप से केले की फसल ली जाती है। यहां का केला ना सिर्फ देश के विभिन्न भागों में जाता है बल्कि अपनी क्वालिटी की वजह से विदेश में भी जाना जाता है और सऊदी अरब ईरान जैसे देश में इसकी अच्छी खासी डिमांड है।

गांव बना टापू
बता दें कि जहां किसानों को अपने देश के मुकाबले 500 क्विंटल से ज्यादा भाव मिलता था लेकिन इस बार गांव जहां टापू बन चुका है। वहीं किसानों के खेत डूब से बाहर बताए गए हैं। बावजूद इनके इन खेतों में जाने के लिए किसानों के पास रास्ता नहीं और नाव के सहारे खेतों में पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में केले खेतों से कैसे बाहर निकालें यह बड़ी समस्या है। 

खेतों की गुणवत्ता में आई कमी
पानी के चलते केला व्यापारी भी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। अगर नाव की सहायता से केला ले जाये तो बड़ा खर्चा आता है। वहीं खेतों तक पानी पहुंच जाने के चलते खेतों की गुणवत्ता में भी कमी आई है। वर्तमान में केले का भाव है 1400 रुपये लेकिन किसानों के अनुसार 500 से 600 रुपये क्विंटल में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं है। इसीलिए लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।