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भिण्डः किसानों का ऋण माफी घोटाला, सचिव और सहायक सचिवों पर हुआ FIR  कराने का निर्देश जारी

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Feb 24, 2019

गिरिराज बोहरे- भिण्ड में जय किसान ऋण माफी योजना के पहले चरण की जाँच में कलेक्टर ने आधा दर्जन से अधिक सचिव और सहायक सचिवों पर FIR  कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। लेकिन राजनैतिक दवाब के चलते आदेश के चार दिन बाद भी FIR नहीं हो सकी है। यहाँ तक कि FIR कराने पहुंची टीम को थाने से वापस लौटना पड़ा। अब कलेक्टर दवाब के चलते पुलिस अधीक्षक के वापस लौटने का बहाना बना रहे हैं।

सचिव और सहायक सचिव ने किसानों के नाम पर निकाले थे करोड़ों रूपये

प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने 10 दिन में किसानों का ऋण माफ कराने का फैसला लिया था। जिसके तहत अधिकारियों द्वारा जय किसानों के ऋण माफी योजना में किसानों के बकाया की सूची ग्राम पंचायतों पर चस्पा कराई गई। सूची देखकर कई किसानों के होश उड़ गए, क्योंकि इस सूची में ऐसे किसानों के नाम थे, जिन्होंने कभी कर्ज लिया ही नहीं। 6 हजार से अधिक किसानों ने गड़बड़ी की शिकायत कलेक्टर से की थी। कलेक्टर छोटे सिंह ने इस मामले में जांच टीम गठित की और मामले की जाँच कराई। प्रथम चरण की जांच में 6 सुसायटी के आधा दर्जन सचिव और सहायक सचिव दोषी पाए गए, जिन्होंने किसानों के नाम पर करोड़ों रूपये निकाले थे। कलेक्टर ने दोषी सचिव और सहायक सचिवों पर तीन दिन पहले FIR कराने के आदेश दिए थे। यहां तक कि अमानत में ख्यानत और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराने के निर्देश भी दे दिए।  जांच टीम भिण्ड सुसायटी के सचिव भजन सिंह और सहायक सचिव मारूति शर्मा पर FIR कराने के लिए कोतवाली थाने पहुंची। लेकिन राजनैतिक दवाब के चलते टीम को बगैर FIR के बेरंग बापस लौटना पड़ा। कलेक्टर छोटे सिंह किसानों के साथ धोखाधड़ी करने बाले दोषी सचिव और सहायक सचिवों को अब बचाने के मूड में आ गये हैं। FIR नहीं होने पर कलेक्टर साहब अब बहाना बना रहे हैं।