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पन्नाः बुंदेलखंड की प्रसिद्ध रथ यात्रा का हुआ आगाज

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Jun 18, 2019

गणेश विश्वकर्मा- अभी तक आप ने इंसानो को बीमार होते देखा और सुना होगा, मगर अब हम आप को बताते है कि भगवान भी बीमार होते हैं। पवित्र नगर पन्ना में ऐतिहासिक भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी जी का प्रसिद्व मंदिर है। यहाँ के मन्दिर की परम्परा पूरी के मन्दिर की तर्ज पर निभाई जाती है। भगवान के दर्शन के लिए दूर-दूर से आये भक्त भी बिना दर्शन के लौट जाते हैं।

भगवान जगन्नाथ स्वामी ने किया शाही जड़ी बूटीयों से स्नान

जहां वर्षो पुरानी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ जी, सुभद्रा जी और बलभद्र जी को ज्येष्ठ शुक्ल की पूर्णिमा को स्नान हेतु मंदिर के गर्भ ग्रह से बाहर ला कर एक बड़े से बर्तन मे स्नान कराया जाता है। इस बर्तन में जड़ी बूटियों युक्त पानी रहता है। जिससे भगवान जगन्नाथ सवामी स्नान करते हैं। स्नान करने के कारण भगवान को लू और लपट लग जाती है और भगवान बीमार हो जाते हैं। 15 दिनों तक भगवान का जडी-बूटी के द्वारा ईलाज भी किया जाता है।

स्नान के 15 दिन बाद किया जाता है रथ का आयोजन

इसके पश्चात भगवान जगन्नाथ जी को अमावश्या के दिन कच्चे भोजन का प्रसाद ग्रहण करवा कर 3 अलग-अलग रथों में विराजमान करके रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। यह परम्परा सैकडों वर्ष पुरानी है। भगवान को लू लग जाने के बाद दर्शनार्थियों को 15 दिन तक भगवान के दर्शन नहीं होते हैं। भगवान जगन्नाथ जी बीमारी से ठीक होने के बाद रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। पन्ना महाराज का कहना है कि हमारे पूर्वज पुरी से पदयात्रा कर कर भगवान जगन्नाथ की मूर्ति यहां लाए थे और तभी से यह परंपरा चली आ रही है।