Loading...
अभी-अभी:

भोपालः सेवा-निवृत्त हुए अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना बनी संजीवनी

image

Jan 24, 2020

शासकीय सेवा से सेवा-निवृत्त हुए अधिकारियों-कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को संजीवनी के समान बताते हुए मुख्यमंत्री कमल नाथ के प्रति आभार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि सेवा-निवृत्त हुए शासकीय सेवकों की पेंशन का ज्यादातर पैसा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होता है। इस योजना से पेंशनधारी बड़े वर्ग को राहत मिलेगी। गणेश दत्त जोशी सेवा-निवृत्त सहायक सांख्यिकीय अधिकारी हैं। वे 2007 में सेवा-निवृत्त हुए और पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश में वरिष्ठ प्रांन्तीय उपाध्यक्ष के रूप में काम कर कर रहे हैं। साथ ही वे मध्यप्रदेश शासन के पेंशनर्स कल्याण मंडल के सदस्य की भूमिका भी बखूबी निभा रहे हैं।  जोशी कहते है 'शासकीय सेवा का विराम हो सकता है लेकिन काम तो लगातार चलता रहता है। अच्छे कामों की श्रृंखला चलते रहना चाहिए। इसलिए वर्तमान में पेंशनर्स की समस्याओं का समाधान करने में अपना सहयोग देता हूँ।'

मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना एक अप्रैल 2020 से होगी शुरू

जोशी कहते है कि कमल नाथ पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने प्रदेश के सेवा-निवृत्त सेवकों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर सम्पूर्णता में विचार कर मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को ठोस रूप दिया। वृद्ध अवस्था में इलाज की सबसे ज्यादा जरुरत होती है। पहली नज़र में यह योजना सरल और आसानी से लागू होने योग्य दिखती है। इसका हर बिन्दु प्रभावित करता है। जोशी का कहना है कि पता चला है कि मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना एक अप्रैल 2020 से शुरू होना है। इसलिये सभी सेवारत एवं सेवा-निवृत सेवकों से 25 मार्च 2020 तक योजना में शामिल होने का विकल्प भरवाया जाना चाहिए ताकि समय पर उनके अंशदान की राशि काटी जा सके। उनका  यह भी मानना है कि मध्यप्रदेश के बाहर जैसे तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि में बस गए सेवा-निवृत शासकीय सेवकों को भी इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए।

प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये तक का नि:शुल्क उपचार

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कमल नाथ की पहल पर मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 12 लाख 55 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इसमें सभी नियमित शासकीय कर्मचारी, सभी संविदा कर्मचारी, शिक्षक संवर्ग, सेवा-निवृत्त कर्मचारी, नगर सैनिक, आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले पूर्णकालिक कर्मचारियों और राज्य की स्वशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना में बाहय रोगी ओपीडी के रूप में प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये तक का नि:शुल्क उपचार मिलेगा अथवा नि:शुल्क दवाएं मिलेंगी। सामान्य उपचारों के लिए प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये और गंभीर उपचारों के लिए 10 लाख रूपये तक की नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी।