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ग्वालियरः तानसेन समारोह में कलाकारों को लेकर विवाद, विदेशी कलाकारों का बहिष्कार करने की मांग

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Dec 6, 2019

विनोद शर्मा - देश के प्रसिद्ध तानसेन समारोह में कलाकारों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विवाद विदेशी कलाकारों को लेकर है जिसमें स्थानीय कमेटी से लेकर साहित्यकार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि विदेशी कलाकारों को किस हैसियत से बुलाया जा रहा है, जबकि उनकी प्रस्तुयियां तानसेन समारोह की गरिमा के अनुकुल नहीं रहती हैं। ऐेसे में अब सवाल खड़ा हो गया है कि इस बार विदेशी कलाकार तानसेन समारोह में अपनी प्रस्तुति देने आयेगे की नहीं। प्रसिद्ध तानसेन समारोह में इस साल भी विदेशी संगीत संगीतकारों को बुलाया जा रहा है, लेकिन इसका कोई नियम कायदा तय नहीं है। कमेटी का गठन किया गया है, पर उसका कोई नाम नहीं है। सबसे अचरज की बात यह है कि विदेशी कलाकारों को बुला कौन रहा है? संस्कृति विभाग के अधिकारी इसका स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियां समारोह की गरिमा के अनुकूल नहीं

उधर शहर में संगीतकारों में इसको लेकर नाराजगी है। उनका कहना है कि तानसेन समारोह में विदेशी कलाकारों का क्या काम है। पिछले वर्षों में जो विदेशी कलाकार आए हैं, उनकी प्रस्तुतियां समारोह की गरिमा के अनुकूल नहीं रही हैं। इससे छवि धूमिल होती है, फिर क्यों उन्हें बुलाया जाता है। इस वजह से देश के बड़े संगीतकार इस समारोह से किनारा करते लग रहे हैं। तानसेन समारोह 16 दिसंबर से आयोजित होना है। एक और इसका बजट 45 फ़ीसदी कम किया गया है। वहीं इसमें विदेशी कलाकारों को बुलाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। संस्कृति विभाग के आला अधिकारियों की मनमानी से समारोह की छवि धूमिल हो रही है।

एक नजर तानसेन समारोह के विदेशी कलाकारों पर

साहित्यकारों और कलाकारों की माने तो अधिकारी भोपाल में बैठकर किस कलाकार को बुलाना है, किसको नहीं, यह खुद ही तय कर लेते हैं। इस पर तानसेन समारोह की स्थानीय समिति की बैठक में मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर भी सवाल उठा चुके हैं। अगर देखा जाये तो देश में यदि विदेशी कलाकार प्रस्तुति देने के लिए आते हैं, या यहां से बाहर प्रस्तुति देने के लिए कोई कलाकार जाता है, तो भारतीय संस्कृति संबंध परिषद आईसीआर सेतु का काम करती है। साल भर आईसीसीआर विदेशी कलाकारों को बुलाती रहती है। संस्कृति विभाग के सूत्रों की मानें तो जो कलाकार पहले यहां प्रस्तुति देने आने वाले होते हैं। उन्हें ही कम से कम परिश्रमिक में तानसेन समारोह में बुला लिया जाता है।